Edited By Anil dev,Updated: 21 May, 2019 05:22 PM
यौन उत्पीडऩ के आरोपी एयर इंडिया के पायलट को कहा गया है कि उसे जांच पूरी होने तक एयरलाइन के कार्यालयों में प्रवेश करने से पहले लिखित अनुमति लेनी होगी। राष्ट्रीय विमानन कंपनी ने गत बुधवार को कहा था कि उसने आरोपी के खिलाफ जूनियर महिला पायलट की यौन...
नई दिल्ली: यौन उत्पीडऩ के आरोपी एयर इंडिया के पायलट को कहा गया है कि उसे जांच पूरी होने तक एयरलाइन के कार्यालयों में प्रवेश करने से पहले लिखित अनुमति लेनी होगी। राष्ट्रीय विमानन कंपनी ने गत बुधवार को कहा था कि उसने आरोपी के खिलाफ जूनियर महिला पायलट की यौन उत्पीडऩ की शिकायत की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच शुरू की है। आरोपी के पास कमांडर रैंक का वरिष्ठ पद है। सोमवार को आरोपी को लिखे पत्र में एयर इंडिया के क्षेत्रीय निदेशक (उत्तर क्षेत्र) अभय पाठक ने कहा, जांच पूरी होने तक, निलंबन की अवधि के दौरान आप बिना अनुमति के एयर इंडिया लिमिटेड के परिसरों में प्रवेश नहीं करेंगे। पाठक ने कहा, आप अधोहस्ताक्षरी की अनुमति के बिना शहर (दिल्ली) नहीं छोड़ सकते।
महिला पायलट ने दर्ज कराई थी शिकायत
महिला पायलट द्वारा दर्ज कराई शिकायत के अनुसार, यह कथित घटना हैदराबाद में पांच मई को हुई जहां वह कमांडर पायलट से प्रशिक्षण ले रही थी। शिकायत में महिला पायलट ने आरोप लगाया कि इंस्ट्रक्टर ने कहा कि दोनों को दिन में प्रशिक्षण सत्र खत्म होने के बाद एक रेस्त्रां में डिनर करना चाहिए। उसने आरोप लगाया, हम रात को करीब आठ बजे एक रेस्त्रां में गए और यहां से मेरी मुसीबतें शुरू हुई। उन्होंने मुझे बताना शुरू किया कि वह अपने विवाहित जीवन से किस तरह परेशान और नाखुश है। उसने कहा, उसने मुझे पूछा कि मैं अपने पति के दूर रहने से कैसे निपटती हूं और क्या मुझे हर दिन यौन संबंध बनाने की जरुरत नहीं होती। उन्होंने मुझसे कहा कि क्या मैं हस्तमैथुन करती हूं।
यह था पायलट का आरोप
एक वक्त पर मैंने उनसे कहा कि मैं इन सबके बारे में बात करना नहीं चाहती और मैंने कैब बुला ली। पायलट ने आरोप लगाया कि कैब के लिए आधे घंटे के इंतजार के दौरान कमांडर का व्यवहार और खराब हो गया। उन्होंने कहा, मैं उनके व्यवहार से स्तब्ध रह गई और काफी असहज, भयभीत और अपमानित महसूस करने लगी। महिला ने कहा कि इस मामले की एयरलाइन से शिकायत करके वह नैतिक रूप से उपकृत महसूस कर रही है ताकि भविष्य में किसी और के साथ ऐसा व्यवहार ना हो।