Edited By vasudha,Updated: 20 Aug, 2021 11:52 AM
तालिबान के जुर्म की दास्तां किसी से छिपी नहीं है। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा करने के बाद वहां हुई घटनाओं ने पूरी दुनिया की रातों की नींद उड़ा दी है। महिलाओं को उनका हक देने की बात करने वाले तालिबान का असली चहरा एक महिला न्यूज एंकर ने...
इंटरनेशनल डेस्क: तालिबान के जुर्म की दास्तां किसी से छिपी नहीं है। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा करने के बाद वहां हुई घटनाओं ने पूरी दुनिया की रातों की नींद उड़ा दी है। महिलाओं को उनका हक देने की बात करने वाले तालिबान का असली चहरा एक महिला न्यूज एंकर ने दुनिया को दिखा दिया है।
रेडियो टेलीविजन अफगानिस्तान लिए काबुल में कार्यरत एक न्यूज एंकर ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि किस तरह उसे काम करने से रोका गया। शबनम दावरान ने बताया कि जब वह दफ्तर काम करने पहुंचीं तो तालिबान लड़ाकों ने उन्हें यह कहते हुए वहां से घर जाने को कह किया कि वह एक महिला हैं। जब कारण पूछा तो तालिबान लड़ाकों ने कहा कि कानून अब बदल चुका है और RTA में महिलाओं को काम करने की आजादी नहीं है।
शबनम ने बताया कि जब तालिबान ने ऐलान किया कि महिलाएं और बच्चे स्कूल जा सकेंगे और काम कर सकेंगे तो मैं काफी खुश थी, लेकिन अगले ही दिन उनका असली चेहरा सामने आ गया। एंकर ने आगे बताया कि पुरुष सहकर्मी को काम पर जाने दिया गया लेकिन उन्हे तुम लड़की हो, जाओ अपने घर जाओ." कहकर वहां से निकाल दिया।