Edited By Seema Sharma,Updated: 03 Sep, 2019 04:08 PM
भारतीय वायुसेना ने मंगलवार को अपने बेडे़ में अमेरिका निर्मित आठ अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को अपने बेड़े में शामिल किया। अपाचे हेलीकॉप्टरों से भारतीय वायुसेना की ताकत दोगुणी हो जाएगी। इनको ऐसे समय में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया है
पठानकोट: भारतीय वायुसेना ने मंगलवार को अपने बेडे़ में अमेरिका निर्मित आठ अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को अपने बेड़े में शामिल किया। अपाचे हेलीकॉप्टरों से भारतीय वायुसेना की ताकत दोगुणी हो जाएगी। इनको ऐसे समय में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया है जब भारत सीमा पार आतंकवाद समेत जटिल सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है। अपाचे हेलीकॉप्टर रेडार की पकड़ में नहीं आते हैं। एरोस्पेस क्षेत्र की दिग्गज कंपनी बोइंग निर्मित ये आठ हेलीकॉप्टर भारत द्वारा अमेरिका के साथ लगभग चार साल पहले 22 अपाचे एएच-64ई हेलीकॉप्टरों के लिए किए गए समझौते का हिस्सा हैं। वहीं अपाचे हेलिकॉप्टर जल्द ही वॉर गेम्स और सैन्य अभ्यासों का हिस्सा होंगे, ऐसा इसलिए किया जा रहा ताकि किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए ‘बैटल रेडी’ (युद्ध के लिए तैयार) रहें।
पश्चिमी क्षेत्र में की जाएगी तैनाती
इन हेलीकॉप्टरों को बेड़े में शामिल किए जाने के बाद वायुसेना प्रमुख बी एस धनोआ ने कहा कि नवीनतम प्रौद्योगिकी से लैस हेलीकॉप्टरों की खरीद भारतीय वायुसेना के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने सामरिक रूप से महत्वपूर्ण पठानकोट वायुसेना स्टेशन में कहा कि अपाचे हेलीकॉप्टर भारतीय वायुसेना की अभिनयानगत क्षमताओं में वृद्धि करेंगे।धनोआ ने कहा कि बेड़े की तैनाती भारत के पश्चिमी क्षेत्र में की जाएगी। पाकिस्तान के बालाकोट स्थित आतंकी शिविर पर भारत के हमले के छह महीने से अधिक समय बाद तथा किसी भी बाह्य सुरक्षा खतरे से निपटने के लिए लड़ाकू क्षमताओं में वृद्धि की वायुसेना की मांग के बीच इन अपाचे हेलीकॉप्टरों को बेड़े में शामिल किया गया है। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि अपाचे हेलीकॉप्टर वायुसेना के पुराने होते एमआई-35 बेड़े की जगह लेंगे और हेलीकॉप्टरों की अंतिम खेप मार्च 2020 तक उपलब्ध करा दी जाएगी।
अपाचे की खासियत
- एएच-64 ई अपाचे हेलीकॉप्टर विश्व के अत्याधुनिक बहुउद्देश्यीय लड़ाकू हेलीकॉप्टरों में से एक है और इसे अमेरिकी सेना इस्तेमाल करती है।
- इन हेलीकॉप्टरों को वायुसेना की भविष्य की जरूरतों के हिसाब से तैयार किया गया है। अपाचे हेलीकॉप्टरों में पूर्ण एकीकृत डिजिटल कॉकपिट है जो इनकी मिशन क्षमता में वृद्धि करता है।
- यह किसी इलाके की टोह लेने, सुरक्षा, शांति अभियानों और हर तरह की स्थिति में घातक हमले के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
- अपाचे हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल खाड़ी युद्ध और अफगानिस्तान में अमेरिकी सेनाओं के ऑपरेशन के दौरान हो चुका है। आधुनिक टारगेटिंग सिस्टम से लैस यह हेलीकॉप्टर किसी भी मौसम और रात में भी उड़ान भरने में सक्षम है।
- ये 293 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ सकते हैं।
- इनमें 330 एमएम चेन गन है जो 1200 राउंड फायर कर सकती है। इसकी अन्य खासियतों में हवा से हवा में मार करने वाली स्ट्रिंगर मिसाइल और एंटी टैंक मिसाइल है।
अपाचे उड़ाने के लिए पायलटों ने अमेरिका में ली ट्रेनिंग
भारतीय वायुसेना ने सितंबर 2015 में 22 अपाचे हेलीकॉप्टरों के लिए अमेरिका सरकार और बोइंग लिमिटेड के साथ अरबों डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके अतिरिक्त, रक्षा मंत्रालय ने 2017 में थलसेना के लिए बोइंग से 4,168 करोड़ रुपए में छह अपाचे हेलीकॉप्टरों और हथियार प्रणालियों की खरीद को मंजूरी दी थी। बोइंग विश्वभर में अपने उपभोक्ताओं को 2,200 अपाचे हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी कर चुकी है। 2020 तक, भारतीय वायुसेना 22 अपाचे हेलीकॉप्टरों के बेड़े का संचालन करेगी और पहली खेप तय कार्यक्रम से पहले उपलब्ध हो गई है।''
बोइंग ने कहा कि एएच-64 ई अपाचे नवीनतम प्रौद्योगिकी से लैस है जिससे यह विश्व का सर्वश्रेष्ठ लड़ाकू हेलीकॉप्टर बन जाता है। भारतीय वायुसेना के लिए एएच-64 ई अपाचे ने जुलाई 2018 में अपनी पहली उड़ान सफलतापूर्वक पूरी की थी। भारतीय वायुसेना के पायलटों के पहले बैच ने अपाचे उड़ाने के लिए अमेरिका में 2018 में अपने प्रशिक्षण की शुरुआत की थी। आठ अपाचे हेलीकॉप्टर जुलाई में भारत में पहुंच गए थे जिन्हें आज वायुसेना ने अपने बेड़े में शामिल कर लिया।