Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Feb, 2018 10:44 PM
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक कार्यक्रम के दौरान सरकारी बैंकों के निजीकरण पर शनिवार को बड़ा बयान दिया है। जेटली ने कहा कि सरकारी बैंकों का निजीकरण इतना आसान नहीं है और न ही कोई राजनीतिक दल इसके लिए तैयार होगा।
नेशनल डेस्क: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक कार्यक्रम के दौरान सरकारी बैंकों के निजीकरण पर शनिवार को बड़ा बयान दिया है। जेटली ने कहा कि सरकारी बैंकों का निजीकरण इतना आसान नहीं है और न ही कोई राजनीतिक दल इसके लिए तैयार होगा।
वित्त मंत्री ने बैंकिंग क्षेत्र के नियामक भारतीय रिर्जव बैंक (RBI) सहित पीएनबी के ऑडिटर्स और बैंक के आंतरिक सुरक्षा तंत्र पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकारी बैंकों के निजीकरण के लिए राजनीतिक दलों की सहमति जरूरी है। इसके लिए बैंकिंग रेग्यूलेशन एक्ट में भी संशोधन करना होगा। बता दें कि पीएनबी बैंक का घोटाला सामने आने के बाद सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों के निजीकरण की आवाज उठने लगी है।
दरअसल, पीएनबी घोटाले के बाद फिक्की, एसोचैम, सीआइआइ सहित उद्योग क्षेत्र की अन्य संस्थाओं ने सार्वजनिक बैंकों में सरकार से अपनी हिस्सेदारी घटाने की बात कही थी। वहीं शुक्रवार को फिक्की के अध्यक्ष रशेष शाह ने कहा कि उनकी वित्त मंत्री से मुलाकात हुई। बकौल शाह- वित्त मंत्री से आग्रह किया है कि सार्वजनिक बैंकों का एक प्रोसेस के तहत निजीकरण किया जाना चाहिए। दो या तीन बैंकों को सार्वजनिक क्षेत्र में रखा जाए।