Edited By Yaspal,Updated: 25 Jun, 2022 08:27 PM
गुजरात दंगों को लेकर राज्य की तत्कालीन सरकार के खिलाफ कानूनी लड़ाई के लिए चर्चित कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को गुजरात पुलिस ने मुंबई में शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस सूत्रों के अनुसार तीस्ता की गिरफ्तारी कथित तौर पर उनके संगठन से संबंधित आपराधिक...
नेशनल डेस्कः गुजरात दंगों को लेकर राज्य की तत्कालीन सरकार के खिलाफ कानूनी लड़ाई के लिए चर्चित कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को गुजरात पुलिस ने मुंबई में शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस सूत्रों के अनुसार तीस्ता की गिरफ्तारी कथित तौर पर उनके संगठन से संबंधित आपराधिक मामले में की गई है। वह सबरंग ट्रस्ट और सिटिजन फॉर जस्टिस एंड पीस (सीजेपी) संगठन चलाती हैं और वह सीजेपी की सचिव बताई जाती हैं। गुजरात पुलिस के आतंकवाद विरोधी दस्ता (एटीएस) ने उन्हें मुंबई में उनके घर से हिरासत में लिया और वे उन्हें शांताक्रूज थाने ले गए। समझा जाता है कि गुजरात पुलिस मुंबई में कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर उन्हें पूछताछ के लिए गुजरात ले जा सकती है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगों के मामले की जांच के लिए गठित सीबीआई के पूर्व निदेशक आर के राघवन की अध्यक्षता में गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट के खिलाफ कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी की अपील को सुप्रीम कोर्ट की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने खारिज कर दिया। इस अपील में जाफरी के साथ सीतलवाड़ सह-याचिकाकर्ता थीं। अदालत ने गुजरात दंगों को बड़ी साजिश बता कर उसकी जांच करने की दोनों की अपील को भी खारिज कर दिया।
अदालत ने कहा कि इस बात को साबित करने के लिए कोई ऐसा छोटा भी सबूत नहीं है, जिससे सिद्ध हो गया कि गोधरा की घटना और उसके बाद की घटनाएं राज्य में उच्चतम स्तर पर एक आपराधिक षडयंत्र के अंतर्गत पूर्व नियोजित थीं। पीठ ने कहा कि ऐसा लगता है कि गुजरात के असंतुष्ट अधिकारियों और कुछ अन्य लोगों ने मामले को सनसनीखेज बनाने और उसका राजनीतिकरण करने के लिए ऐसी बातें उजागर कीं जो खुद उनकी ही जानकारी में असत्य थीं।
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने श्री मोदी को 2012 में एसआईटी द्वारा बेदाग बताए जाने की रिपोटर् को उचित ठहराते हुए कहा कि इस मामले में सह-याचिकाकर्ता सीतलवाड़ ने जकिया जाफरी की भावनाओं का शोषण किया। तीस्ता सीतलवाड़ पर उनके गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) के लिए सबरंग ट्रस्ट के लिए 2010-13 के बीच फर्जी तरीके से 1.4 करोड़ रुपये हासिल करने के लिए गुजरात पुलिस ने चार वर्ष पहले एक मामला दर्ज किया था।