कब-कब असफल रहे BJP के ‘चाणक्य’ अमित शाह?

Edited By Anil dev,Updated: 27 Nov, 2019 10:52 AM

bjp amit shah devendra fadnavis ajit pawar yeddyurappa

भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को वैसे तो सियासी गलियारे में चाणक्य कहा जाता है लेकिन कई बार ऐसा भी हुआ है जब उनका प्लान फेल रहा। ताजा उदाहरण महाराष्ट्र का है जहां मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस ने राकांपा नेता अजीत पवार के समर्थन से...

नई दिल्ली: भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को वैसे तो सियासी गलियारे में चाणक्य कहा जाता है लेकिन कई बार ऐसा भी हुआ है जब उनका प्लान फेल रहा। ताजा उदाहरण महाराष्ट्र का है जहां मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस ने राकांपा नेता अजीत पवार के समर्थन से अचानक शनिवार सुबह शपथ ले ली तो कहा गया कि इसके पीछे शाह का प्लान था। सोशल मीडिया पर ‘चाणक्य’ ट्रैंड करने लगा था। अमित शाह की तस्वीरों के मीम्स बनने लगे। हालांकि 3 दिन के भीतर बाजी पलट गई और मंगलवार दोपहर बाद फडऩवीस को इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा। इससे पहले भी भाजपा के चाणक्य के कई प्लान परवान नहीं चढ़ पाए थे। 

PunjabKesari

कर्नाटक में येद्दियुरप्पा को देना पड़ा था इस्तीफा
महाराष्ट्र में मंगलवार को जो कुछ भी हुआ वह करीब डेढ़ साल पहले यानी मई, 2018 में कर्नाटक में भी हो चुका था।  दरअसल 222 सीटों वाली कर्नाटक विधानसभा के चुनाव में भाजपा को 104 सीटें मिली थीं जो बहुमत के लिए जरूरी 112 के आंकड़े से 8 कम थीं। भाजपा इस उम्मीद में थी कि कांग्रेस और जद (एस) के कुछ विधायकों को अपने पाले में लाकर उनसे इस्तीफा दिलवाकर वह सरकार बनाने में कामयाब हो जाएगी। सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते राज्यपाल वजुभाई वाला ने भाजपा को सरकार बनाने का न्यौता दे दिया। 17 मई, 2018 को येद्दियुरप्पा ने सी.एम. पद की शपथ ली। इसके खिलाफ  कांग्रेस और अन्य दल सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। कोर्ट ने येद्दियुरप्पा को उसी दिन बहुमत साबित करने का निर्देश दिया। सबकी नजरें विधानसभा पर थीं लेकिन फ्लोर टैस्ट से पहले ही येद्दियुरप्पा ने विधानसभा में अपने भाषण के दौरान इस्तीफे का ऐलान कर दिया।

PunjabKesari


गुजरात में अहमद पटेल का चुनाव
राज्यसभा चुनाव 2017 में गुजरात की 3 सीटों में से 2 पर भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी जीते लेकिन तीसरी सीट पर कांग्रेस के अहमद पटेल विजयी हुए। भाजपा कुछ कांग्रेस विधायकों को अपने पाले में खींचने में कामयाब हो गई और आखिर तक सस्पैंस बना रहा कि अहमद पटेल और भाजपा के बलवंत राजपूत में से कौन जीतेगा। भाजपा अपने प्लान में तकरीबन कामयाब हो चुकी थी लेकिन एक तकनीकी पेंच ने उसका बना-बनाया खेल बिगाड़ दिया। दरअसल कांग्रेस के 2 बागी विधायकों के वोट को लेकर विवाद खड़ा हो गया। दोनों ने अपना वोट डालने के बाद भाजपा के एक नेता को बैलेट दिखा दिया था कि उन्होंने किसको वोट दिया। इस पर कांग्रेस ने हंगामा कर दिया। कांग्रेस ने कहा कि दोनों ने वोट की गोपनीयता का उल्लंघन किया है। कांग्रेस चुनाव आयोग पहुंच गई। वोटों की गिनती रुक गई। आधी रात दोनों दलों के नेता चुनाव आयोग पहुंच गए। आखिर में चुनाव आयोग ने दोनों विधायकों के वोट को खारिज कर दिया और अहमद पटेल चुनाव जीत गए।

PunjabKesari

उत्तराखंड में भी फेल हुआ था दाव
उत्तराखंड में भी 2016 में भाजपा को मात खानी पड़ी थी। दरअसल राज्य में हरीश रावत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार थी। कांग्रेस के कुल 35 विधायकों में से 9 विधायकों ने रावत के खिलाफ  बगावत का झंडा बुलंद कर दिया।  इसी बीच राज्यपाल ने केंद्र को रिपोर्ट भेज दी कि राज्य में संवैधानिक तंत्र नाकाम हो गया है, लिहाजा राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। इसके बाद नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने राष्ट्रपति शासन लगाने संबंधी सिफारिश तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के पास भेज दी। राष्ट्रपति मुखर्जी ने सिफारिश मान ली और वहां राष्ट्रपति शासन लग गया।  मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने हरीश रावत सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करने का आदेश दिया। आखिरकार रावत सरकार ने बहुमत साबित कर दिया। इस तरह उत्तराखंड में रावत सरकार बहाल हो गई और राष्ट्रपति शासन हट गया। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!