Edited By Utsav Singh,Updated: 27 Apr, 2024 02:06 PM
कांग्रेस ने 2जी स्पेक्ट्रम के मामले के फैसले में ‘संशोधन की मांग करते हुए' केंद्र सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय का रुख किए जाने को लेकर शनिवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ‘‘पाखंड की कोई सीमा नहीं है ।
नेशनल डेस्क : कांग्रेस ने 2जी स्पेक्ट्रम के मामले के फैसले में ‘संशोधन की मांग करते हुए' केंद्र सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय का रुख किए जाने को लेकर शनिवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ‘‘पाखंड की कोई सीमा नहीं है'' क्योंकि उसने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के तहत 2जी स्पेक्ट्रम के प्रशासनिक आवंटन को ‘‘घोटाला'' बताया था और अब नरेन्द्र मोदी सरकार बिना नीलामी के ‘‘स्पेक्ट्रम देने'' की अनुमति मांग रही है। केंद्र ने 12 साल से अधिक समय बाद गत सोमवार को 2जी स्पेक्ट्रम मामले से जुड़े फैसले में संशोधन का अनुरोध करते हुए सोमवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया।
सरकार नीलामी का मार्ग अपनाने के लिए बाध्य
हालांकि, एक शीर्ष सूत्र ने बाद में कहा कि सरकार 2012 के उच्चतम न्यायालय के फैसले को बदलने की कोशिश नहीं कर रही है। न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि देश के प्राकृतिक संसाधनों को स्थानांतरित करते समय सरकार नीलामी का मार्ग अपनाने के लिए बाध्य है। इसने 2 फरवरी 2012 के अपने फैसले में जनवरी 2008 में दूरसंचार मंत्री के रूप में ए. राजा के कार्यकाल के दौरान विभिन्न कंपनियों को दिए गए 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस रद्द कर दिए थे।
‘मोदी सरकार और 'भ्रष्ट जनता पार्टी' के पाखंड की कोई सीमा नहीं
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘मोदी सरकार और 'भ्रष्ट जनता पार्टी' के पाखंड की कोई सीमा नहीं है। मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान, उसकी तरफ से यही रोना रोया जाता था कि 2जी स्पेक्ट्रम का आवंटन एक ‘घोटाला' है।'' उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘अब, वे इसके विपरीत तर्क दे रहे हैं, वे नीलामी के बिना, जिसे चाहें उसे स्पेक्ट्रम देने की अनुमति के लिए उच्चतम न्यायालय में गए हैं।''
सार्वजनिक संसाधनों को PM के पूंजीपति मित्रों को सौंप रहा
रमेश ने दावा किया, ‘‘बेशक, यह मोदी शासन पहले से ही सार्वजनिक संसाधनों को प्रधानमंत्री के पूंजीपति मित्रों को सौंप रहा है, हवाई अड्डों को एक कंपनी को सौंप दिया गया है, कोयला खदानों को फर्जी नीलामी में दे दिया गया है, और यहां तक कि सैटेलाइट स्पेक्ट्रम भी सौंप दिया गया है।'' उन्होंने कहा कि 4 जून को भारत के मतदाता इस ‘संगठित लूट' वाली पार्टी को बाहर का रास्ता दिखा देंगे। लोकसभा चुनाव की मतगणना 4 जून को होगी।