भारतीय उच्चायुक्त ने दी चेतावनी- कनाडा में सिख अलगाववादी समूह कर रहे ‘खतरे की बड़ी रेखा' पार

Edited By Tanuja,Updated: 08 May, 2024 02:02 PM

indian envoy in canada warns of anti india activities of sikh separatists

भारत-कनाडा संबंधों में राजनयिक तनाव के बीच यहां भारत के उच्चायुक्त ने चेतावनी दी है कि कनाडा में सिख अलगाववादी समूह ‘खतरे की बड़ी रेखा'...

ओटावा: भारत-कनाडा संबंधों में राजनयिक तनाव के बीच यहां भारत के उच्चायुक्त ने चेतावनी दी है कि कनाडा में सिख अलगाववादी समूह ‘खतरे की बड़ी रेखा' को पार कर रहे हैं जिसे नई दिल्ली राष्ट्रीय सुरक्षा तथा देश की क्षेत्रीय अखंडता के मुद्दे के रूप में देखती है। पिछले साल खालिस्तान समर्थक अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के आरोपी तीन भारतीय नागरिकों को हाल में कनाडा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने तथा एक अदालत में पेश किए जाने के बाद से अपने पहले सार्वजनिक बयान में कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा ने मंगलवार को यह बात कही।

 

सीटीवी न्यूज की खबर के अनुसार वर्मा इस मामले को घरेलू अपराधों से जोड़ते दिखे। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि कनाडा में सिख समूह जो भारत से अलग होने का आह्वान करते हैं, वे ‘खतरे की एक बड़ी रेखा' को पार कर रहे हैं जिसे नई दिल्ली राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले के रूप में देखती है। वर्मा ने प्रसिद्ध थिंकटैंक ‘मांट्रियल काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशन्स' से कहा, ‘‘भारतीय भारत की दशा तय करेंगे, विदेशी नहीं।'' उन्होंने यह भी कहा कि भारत और कनाडा के बीच संबंध कुल मिलाकर सकारात्मक हैं, भले ही उन्हें लेकर ‘बहुत हंगामा' हो रहा है। वर्मा ने यह भी कहा कि दोनों देश इस मुद्दे का समाधान करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम किसी भी दिन बातचीत के लिए बैठने को तैयार हैं और हम ऐसा कर रहे हैं।''

 

उन्होंने कहा कि हालिया ‘नकारात्मक' घटनाक्रम के पीछे की गहरी समस्याएं ‘दशकों पुराने मुद्दों' के बारे में कनाडा की गलतफहमी से जुड़ी हैं, जिन्हें फिर से उभरने के लिए वह भारतीय मूल के कनाडाई लोगों को दोषी मानते हैं। वर्मा ने कहा कि उनकी मुख्य चिंता ‘कनाडा की भूमि से उत्पन्न होने वाले राष्ट्रीय-सुरक्षा संबंधी खतरों' को लेकर है। उन्होंने कहा कि भारत दोहरी नागरिकता को मान्यता नहीं देता, इसलिए जो कोई भी प्रवासी होता है उसे विदेशी माना जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैं इसे ऐसे कह सकूं कि विदेशियों की भारत की क्षेत्रीय अखंडता पर बुरी नजर है - यह हमारे लिए एक बड़ी खतरे की रेखा है।''

 

खबर के अनुसार वर्मा ने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या वह निज्जर मामले में शामिल विदेशियों का जिक्र कर रहे थे या व्यापक तौर पर सिख अलगाववाद की ओर इशारा कर रहे थे। भारत ने मंगलवार को कनाडा से कहा कि हिंसा का जश्न मनाना और उसका महिमामंडन करना किसी भी सभ्य समाज का हिस्सा नहीं होना चाहिए। भारत ने कहा कि कानून के शासन का सम्मान करने वाले लोकतांत्रिक देशों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर कट्टरपंथी तत्वों को डराने-धमकाने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।   पर चुनौतियां हों।'' विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘जब कई देश आपत्ति जता रहे थे, हमने अपने हित के लिए रूस से तेल खरीदने का दृढ़ रुख अपनाया। हम दृढ़ और तटस्थ हैं।''  

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