Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Jul, 2017 11:33 AM
भारत और चीन के बीच डोकलाम मुद्दे को लेकर तनाव के चलते सोमवार को ही चीनी सेना द्वारा पहली बार भारत को अप्रत्यक्ष रूप से युद्ध की धमकी दी गई थी...
बीजिंगः भारत और चीन के बीच डोकलाम मुद्दे को लेकर तनाव के चलते सोमवार को ही चीनी सेना द्वारा पहली बार भारत को अप्रत्यक्ष रूप से युद्ध की धमकी दी गई थी। इन सबके बीच अब चीनी सेना (पीएलए) ने एक ऐसा कदम उठाया है जिसे एक और धमकी भरे संदेश के तौर पर लिया जा रहा है । चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) अपनी 90वीं सालगिरह के मौके पर (1 अगस्त) इस बार सैन्य परेड की बजाय सैन्य अभ्यास का आयोजन करेगी। अभी तक चीन की सेना इस कार्यक्रम में सैन्य परेड ही करती थी लेकिन इस बार उसका यह फैसला भारत के साथ तनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
विश्व की संबसे बड़ी स्टैंगिग आर्मी के कंमाडर राष्ट्रपति शी चिनपिंग हैं। हांगकांग के ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ के अनुसार चिनपिंग के आदेश पर ही एक अगस्त को पीएलए की 90वीं वर्षगांठ के मौके पर सैन्य परेड की बजाय सैन्य अभ्यास आयोजित किया जा रहा है। अखबार की मानें तो राष्ट्रपति चिनपिंग स्वयं इस अभ्यास में शामिल होंगे। अधिकारियों ने कहा कि चिनपिंग एशिया के सबसे बड़े सैन्य प्रशिक्षण अड्डे पर चीन के सबसे बड़े युद्ध अभ्यास में विशिष्ठ अतिथि होंगे।
सेना से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि चीन के युद्धक विमान जे-20 का एक स्क्वाड्रन इस अभ्याय में शामिल हो सकता है जो इसी साल मार्च में पीएलए की वायुसेना का हिस्सा बना था। इस युद्धाभ्यास में चीन की सेना के कई आधुनिक हथियारों को भी प्रदर्शित किया जा सकता है।उल्लेखनीय हे कि चीनी आर्मी (पीएलए) की स्थापना 1 अगस्त 1927 को तत्कालीन कम्युनिस्ट नेता माओ जीडांग की लीडरशिप में हुई थी। चिनपिंग वर्तमान में सैंट्रल मिलिट्री कमीशन (सीएमसी) के मुखिया है, जिनके तहत पूरी पीएलए आती है। इससे पहले 3 सितंबर 2015 को चीनी इतिहास में पहली बार सबसे बड़ी मिलिट्री परेड का आयोजन किया गया था।