चीन ने भारत-उत्तर कोरिया के गहराते संबंधों की बताई वजह

Edited By Tanuja,Updated: 27 May, 2018 10:29 AM

china reaction on v k singh surprise visit to north korea

भारत-उत्तर कोरिया के गहराते संबंधों को लेकर चीन के सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने अपने संपादकीय में लिखा है कि भारत उत्तर कोरिया के साथ संबंधों को गति देकर अपनी विदेश नीति एक्ट ईस्ट पॉलिसी को विस्तार देने की कोशिश में जुट गया है...

बीजिंगः भारत-उत्तर कोरिया के गहराते संबंधों को लेकर चीन के सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने अपने संपादकीय में लिखा है कि भारत उत्तर कोरिया के साथ संबंधों को गति देकर अपनी विदेश नीति एक्ट ईस्ट पॉलिसी को विस्तार देने की कोशिश में जुट गया है। अखबार ने लिखा कि भारत पर इन रिश्तों के विकास में अमरीका का दबाव रहेगा, लेकिन यह भी देखा गया है कि अमरीकी दबाव के सामने भारत ने इस मामले में कभी हथियार नहीं डाले हैं। यहां तक कि भारत ने अमरीका की उस मांग को भी ठुकरा दिया था जिसमें उसने उत्तर कोरिया का भारतीय दूतावास बंद करने की मांग की थी।

‘ग्लोबल टाइम्स’ के मुताबिक विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह उत्तर कोरिया के आमंत्रण पर ही वहां गए थे। हालांकि अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षकों के लिए यह दौरा चौंकाने वाला रहा, क्योंकि हाल ही के वर्षों में भारत की तरफ से इस तरह का उच्च स्तरीय दौरा नहीं हुआ था। इस यात्रा की नींव 2015 में उस वक्त पड़ गई थी जब उत्तर कोरियाई विदेश मंत्री रि सु-योंग ने नई दिल्ली की यात्रा की थी। अखबार ने लिखा कि सिंह की इस यात्रा को नई दिल्ली के विवेकपूर्ण राजनयिक कदम के रूप में देखा जाना चाहिए। उत्तर कोरिया में अवसरों को भारत हाथ से नहीं जाने देगा।

सम्पादकीय में ये भी लिखा है कि वीके सिंह के उत्तर कोरिया जाने का एक बड़ा कारण पाक भी है। भारत मानता है कि 1999 के बाद से उत्तर कोरिया ने पाक को बैलेस्टिक मिसाइल तकनीक मुहैया कराई है जिससे क्षेत्र में अशांति का खतरा है। समझा जाता है कि भारत ने उत्तर कोरिया से आश्वासन प्राप्त कर लिया है कि वह ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगा जिससे भारत की सुरक्षा को खतरा हो।
 

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