Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Jul, 2017 11:07 AM
सीमा विवाद को लेकर जहां चीन भारत के खिलाफ कड़ा रुख अपनाए हुए है वहीं अब उसे अमेरिका-भारत की दोस्ती भी खलने लगी है।
बीजिंग/नई दिल्ली: सीमा विवाद को लेकर जहां चीन भारत के खिलाफ कड़ा रुख अपनाए हुए है वहीं अब उसे अमेरिका-भारत की दोस्ती भी खलने लगी है। ड्रैगन का कहना है कि अमेरिका भारत को भड़काकर दक्षिण चीन सागर का फार्मूला अपना रहा है। हालांकि चीन-भारत युद्ध नहीं करना चाहते हैं। चीन के मुताबिक पश्चिमी देश भारत को उकसा कर रणनीतिक फायदा लेने की जुगत में है, लेकिन भारत-चीन विवाद से अमेरिका को कोई फायदा होने वाला नहीं है क्योंकि चीन किसी भी कीमत पर अपने भूभाग की सुरक्षा करना नहीं छोड़ सकता है। चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि भारत-चीन के बीच विवाद में अमेरिका समेत कई देश सीधे तौर पर हस्तक्षेप कर रहे हैं।
अखबार ने लिखा कि वॉशिंगटन एग्जामिनर में चीन के खतरे को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया है साथ ही अमेरिका और भारत के रिश्तों की जमकर सराहना की गई है। वहीं भारत दौरे पर आए ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री जुली बिशप ने कहा कि भारत-चीन के बीच विवाद काफी पुराना है और इसको शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाना चाहिए। ऑस्ट्रेलिया इस विवाद को और बढ़ता हुआ नहीं देखना चाहता है। चीनी अखबार ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री का इरादा भारत-चीन के बीच विवाद की प्रकृति को बदलने और भारत के लिए समर्थन दिखाने का है। ड्रैगन का कहना है कि जहां भी विवाद होता है, अमेरिका वहीं नजर आने लगता है। इतना ही नहीं, वह समस्या को निष्पक्ष रूप से हल करने की दुहाई देने लगता है। यह रवैया युद्ध को बढ़ावा दे सकता है।