Edited By Yaspal,Updated: 16 Oct, 2019 07:49 PM
केंद्र सरकार ने एशिया की सबसे बड़ी सुरंगों में शामिल चिनैनी नाशरी का नाम जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रखने का ऐलान किया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर बनी इस सुरंग...
नेशनल डेस्कः केंद्र सरकार ने एशिया की सबसे बड़ी सुरंगों में शामिल चिनैनी नाशरी का नाम जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रखने का ऐलान किया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर बनी इस सुरंग को अब श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम से जाना जाएगा, जिन्होंने देश को एक निशान, एक विधान और एक प्रधान का मंत्र दिया था।
सुरंग का नामकरण करने के एलान के बाद गडकरी ने कहा कि इसे श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर समर्पित करना हमारी ओर से उन्हें श्रद्धांजलि है। इस सुरंग को एशिया की सबसे हाईटेक सुरंगों में से एक माना जाता है और इससे हर दिन हजारों वाहन जम्मू से श्रीनगर के बीच यात्रा करते हैं।
9.2 किमी की यह सुरंग एशिया की सबसे लंबी सुरंगों में से एक है। यह उधमपुर जिले के चिनैनी को रामबन जिले के नशरी से जोड़ती है। यह सुरंग जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग का हिस्सा है और शिवालिक पहाड़ियों के बीच बनी हुई है। इसकी वजह से श्रीनगर और जम्मू का रास्ता दो घंटे में पूरा हो जाता है। इस सुरंग के निर्माण से जम्मू और श्रीनगर के बीच की दूरी 30 किलोमीटर तक काम हो गई है। सुरंग के निर्माण में लगभग 2500 करोड़ रुपये की लागत आई थी।