Edited By Seema Sharma,Updated: 10 Jan, 2021 04:32 PM
पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी पिछले तीन दिनों से राजभवन के बाहर धरना पर बैठे हुए हैं। उनकी मांग है कि केंद्र सरकार राज्य की उप राज्यपाल किरण बेदी को वापस बुलाए। पुडुचेरी सरकार का आरोप है कि उप राज्यपाल राज्य की चुनी हुई संवैधानिक सरकार को...
नेशनल डेस्क: पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी पिछले तीन दिनों से राजभवन के बाहर धरना पर बैठे हुए हैं। उनकी मांग है कि केंद्र सरकार राज्य की उप राज्यपाल किरण बेदी को वापस बुलाए। पुडुचेरी सरकार का आरोप है कि उप राज्यपाल राज्य की चुनी हुई संवैधानिक सरकार को काम करने नहीं दे रही हैं। पुडुचेरी में सत्तारूढ़ कांग्रेस नीत धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गठबंधन (SDA) का ‘‘निर्वाचित सरकार की विकास योजनाओं तथा कल्याणकारी कदमों को बाधित करने'' के खिलाफ उपराज्यपाल किरण बेदी को पद से हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही है। मुख्यमंत्री वी नारायणसामी, पीसीसी अध्यक्ष ए वी सुब्रमणियन, मंत्रियों, कांग्रेस विधायकों, कार्यकर्त्ताओं और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी तथा वीसीके की विभिन्न इकाइयां प्रदर्शन में हिस्सा ले रही है।
हालांकि, कांग्रेस की सहयोगी डीएमके की अनुपस्थिति चर्चा का विषय बनी हुई है। इससे पहले शनिवार को वीसीके नेता टी तिरुमावलावन और भाकपा की तमिलनाडु इकाई के सचिव मुथारसन ने धरने पर बैठे लोगों को संबोधित किया और उप राज्यपाल की अलोकतांत्रिक कार्यशैली की आलोचना की। मुथारसन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यदि लोकतंत्र और लोगों के कल्याण में भरोसा करते हैं तो उन्हें हस्तक्षेप कर बेदी को हटाना चाहिए।
नारायणसामी ने केंद्र सरकार पर दिल्ली की सीमाओं पर विरोध कर रहे किसानों के आंदोलन को खत्म करने के प्रयासों के तहत फासीवादी और निरंकुश रवैया अपनाने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बेदी ने पुडुचेरी को तमिलनाडु में मिलाकर इसका अलग दर्जा खत्म करने का षड़यंत्र रचा है। उन्होंने प्रधानमंत्री और बेदी पर पुडुचेरी की जनता को उनके अधिकारों से वंचित करने के लिए प्रयासरत होने का भी आरोप लगाया।