Edited By Pardeep,Updated: 27 Sep, 2018 02:46 AM
व्यभिचार पर आपराधिक कानून की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर उच्चतम न्यायालय के गुरूवार को अपना फैसला सुनाने की उम्मीद है। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ ने आठ अगस्त को अतिरिक्त सॉलीसीटर...
नई दिल्ली: व्यभिचार पर आपराधिक कानून की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर उच्चतम न्यायालय के गुरूवार को अपना फैसला सुनाने की उम्मीद है। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ ने आठ अगस्त को अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल पिंकी आनंद के जिरह पूरी करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
इस मामले में पीठ ने एक अगस्त से छह दिनों तक सुनवाई की थी। इस पीठ में न्यायमूॢत आर एफ नरीमन, ए एम खानविलकर, डी वाई चंद्रचूड और इंदु मल्होत्रा भी शामिल हैं। केंद्र सरकार ने व्यभिचार पर आपराधिक कानून को बरकरार रखने का पक्ष लेते हुए कहा था कि यह एक गलत चीज है जिससे जीवनसाथी, बच्चों और परिवार पर असर पड़ता है।