भेदभाव पैदा करने वाली हर चीज को खत्म किया जाना चाहिए : मोहन भागवत

Edited By Parveen Kumar,Updated: 08 Oct, 2022 01:05 AM

everything that creates discrimination should be ended mohan bhagwat

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा कि वर्ण और जाति जैसी अवधारणाओं को पूरी तरह से त्याग दिया जाना चाहिए।

नेशनल डेस्क : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा कि वर्ण और जाति जैसी अवधारणाओं को पूरी तरह से त्याग दिया जाना चाहिए। यहां एक पुस्तक विमोचन समारोह में उन्होंने कहा कि जाति व्यवस्था की अब कोई प्रासंगिकता नहीं है।

डॉ मदन कुलकर्णी और डॉ रेणुका बोकारे द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘वज्रसूची तुंक'' का हवाला देते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि सामाजिक समानता भारतीय परंपरा का एक हिस्सा थी, लेकिन इसे भुला दिया गया और इसके हानिकारक परिणाम हुए। इस दावे का उल्लेख करते हुए कि वर्ण और जाति व्यवस्था में मूल रूप से भेदभाव नहीं था और इसके उपयोग थे, भागवत ने कहा कि अगर आज किसी ने इन संस्थानों के बारे में पूछा, तो जवाब होना चाहिए कि ‘‘यह अतीत है, इसे भूल जाओ।'' उन्होंने कहा, ‘‘जो कुछ भी भेदभाव का कारण बनता है उसे खत्म कर दिया जाना चाहिए।''

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