Edited By Parminder Kaur,Updated: 01 Apr, 2024 04:33 PM
देश भर में भारत की जी20 की अध्यक्षता के जश्न के माहौल और उत्सव को रेखांकित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को इस कार्यक्रम को राजनीतिक और आर्थिक पुनर्संतुलन का एक उदाहरण बताया।
इंटरनेशनल डेस्क. देश भर में भारत की जी20 की अध्यक्षता के जश्न के माहौल और उत्सव को रेखांकित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को इस कार्यक्रम को राजनीतिक और आर्थिक पुनर्संतुलन का एक उदाहरण बताया।
रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में सभ्यता फाउंडेशन द्वारा आयोजित दिल्ली विरासत कार्यक्रम में बोलते हुए जयशंकर ने कहा- पूरे देश ने जी20 की हमारी अध्यक्षता का जश्न मनाया। कई मायनों में यह राजनीतिक और आर्थिक पुनर्संतुलन का एक उदाहरण था, जहां दुनिया को चलाने वाले या दुनिया पर हावी होने वाले कुछ देशों के बजाय इसका दायरा व्यापक हो गया है और यहां स्पष्ट तौर पर भारत की भूमिका को पहचान मिली।
विदेश मंत्री ने आगे कहा- ''राजनीतिक और आर्थिक पुनर्संतुलन के बाद लड़ाई सांस्कृतिक पुनर्संतुलन के लिए है। यानी हम विश्व की संपूर्ण विविधता को कैसे पहचानें? हम उस युग की विकृतियों को कैसे दूर कर सकते हैं जिस पर कुछ देशों और कुछ क्षेत्रों का प्रभुत्व था? और इसीलिए आज हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम अपनी विरासत, अपनी सभ्यता, अपनी संस्कृति, अपनी जीवन शैली, अपनी आस्था और अपनी मान्यताओं को सामने रखें और यह मेरे लिए कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में पारंपरिक राजनीति की तरह ही महत्वपूर्ण है।''
इसके अलावा विदेश मंत्री ने कहा- एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जिसने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा दुनिया भर में बिताया है। कई अन्य परंपराओं और संस्कृतियों से परिचित है, जब मैं दुनिया के महाकाव्यों को देखता हूं, तो मुझे कहना होगा कि उनमें से कोई भी ऐसा नहीं है, जो वास्तव में महाभारत के बराबर हो। अगर हमें वास्तव में एक आत्मविश्वासी राष्ट्र बनना है, जो दुनिया में अपनी सभ्यतागत शक्ति को प्रदर्शित करना चाहता है, तो हमें अपनी मानसिकता, अपने स्वयं के रूपक, अपनी स्थितियों को विकसित करना होगा और वास्तव में अपने बारे में अधिक जागरूक होना होगा।