Edited By Yaspal,Updated: 24 Sep, 2019 06:16 PM
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विदेश में जाकर और वहां (ह्यूस्टन में) एक व्यक्ति विशेष का प्रचार कर विदेश नीति की धज्जियां उड़ा दीं। गहलोत ने यहां संवाददाताओं से कहा ‘‘मोदी अभी
जयपुरः राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विदेश में जाकर और वहां (ह्यूस्टन में) एक व्यक्ति विशेष का प्रचार कर विदेश नीति की धज्जियां उड़ा दीं। गहलोत ने यहां संवाददाताओं से कहा ‘‘मोदी अभी गए ह्यूस्टन। 70 साल के इतिहास में पहली बार हुआ होगा कि देश का प्रधानमंत्री जाकर किसी उम्मीदवार विशेष का, उसकी पार्टी का खुल कर प्रचार करे। मैं समझता हूं कि इसकी जितनी आलोचना की जाए, उतनी कम है क्योंकि देश के इतिहास में पहली बार प्रधानमंत्री ने हमारी विदेश नीति की धज्जियां उड़ा दीं ... हम गुटनिरपेक्ष रहे हैं ... हमारी विदेश नीति की स्थापना पंडित नेहरू ने, इंदिरा गांधी ने की थी .. उसकी धज्जियां उड़ा दीं।''
गहलोत ने कहा ‘‘दुनिया भर में इस कार्यक्रम की चर्चा हो रही है, लोग आलोचना कर रहे हैं कि हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री विदेश में जाकर, वहां एक राजनीतिक पार्टी का प्रचार करके आ गये हैं। इसके मायने हैं ... मान लो कि दूसरी पार्टी का प्रधानमंत्री बन गया वहां पर, तो उसके रिश्ते हमारे मुल्क के साथ में कैसे रहेंगे..... उसकी कोई कल्पना नहीं कर सकता।'' उन्होंने कहा ‘‘ व्यक्तिगत दोस्ती अपनी जगह होती है। मोदी जी और ट्रंप परिवार जिंदगी भर अपनी दोस्ती निभायें, हमें कोई एतराज नहीं है। पर देश का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रधानमंत्री ने इस प्रकार से जो प्रचार वहां किया है, मैं समझता हूं कि उसे किसी भी रूप में देशवासी उचित नहीं मान सकते।''
कश्मीर मुद्दे पर राष्ट्र को संबोधित करें पीएम मोदी
गलहोत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर राष्ट्र को संबोधित कर वहां के हालात के बारे में बताना चाहिए। गहलोत ने यह भी कहा कि सिर्फ अनुच्छेद 370 हटा देने भर से राष्ट्रीयता की भावना नहीं आएगी, बल्कि सही बात भी जनता को बताई जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने जम्मू कश्मीर के हालात पर यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘एक प्रदेश (जम्मू कश्मीर) के लोग 45 दिन से बंद पड़े हैं...उनका देशवासियों से कोई कनेक्शन (संपर्क) नहीं है...जब हम कहते हैं कश्मीर हमारा अभिन्न अंग है तो कम से कम उनसे बातचीत करिये और शांति और सद्भाव का कोई रास्ता निकालिये।''
उन्होंने कहा, ''वहां (जम्मू कश्मीर में) क्या हो रहा है? क्या प्रधानमंत्री जी का यह कर्तव्य नहीं है कि वह देश को संबोधित करके बताएं कि हमने अचानक कार्रवाई क्यों की और आज वहां क्या हालात हैं...। '' गहलोत ने कहा, ‘‘यह एक बड़ा मुद्दा है, जिसकी पूरी दुनिया में आलोचना हो रही है। जम्मू कश्मीर में हो रहे मानव अधिकारों के हनन की भी दुनिया भर में आलोचना हो रही है।