Edited By Yaspal,Updated: 09 May, 2019 07:46 PM
रक्षा मंत्रालय ने सेना की वर्दी खरीद को लेकर बड़ा फैसला किया है। सेना के लिए खरीददारी करते समय स्वदेशी कंपनियों को ज्यादा मौके दिए जाएंगे। फिलहाल सेना की वर्दी और कुछ खास साजो-सामान की खरीदी में नई नीति अपनाई जाएगी। बाद में सेना के दूसरे सौदों को भी...
नेशनल डेस्कः रक्षा मंत्रालय ने सेना की वर्दी खरीद को लेकर बड़ा फैसला किया है। सेना के लिए खरीददारी करते समय स्वदेशी कंपनियों को ज्यादा मौके दिए जाएंगे। फिलहाल सेना की वर्दी और कुछ खास साजो-सामान की खरीदी में नई नीति अपनाई जाएगी। बाद में सेना के दूसरे सौदों को भी इस नीति के दायरे में लाया जाएगा। हाल ही में मुंबई में हुई एक बैठक में लिए फैसले के मुताबिक सेना की खरीददारी में स्वदेशी उत्पादों की सीमा भी दोबारा तय की जाएगी।
सेना के टेक्निकल क्लोदिंग और बेहद ऊंचाई पर इस्तेमाल होने वाले सामान की खरीदी अगर 50 लाख से कम होगी तो टेंडर की प्रक्रिया में केवल भारतीय कंपनियों को ही मौका दिया जाएगा। टेक्निकल क्लोदिंग में बुलेट प्रूफ जैकेट और बुलेट प्रूफ पटका भी शामिल है। वहीं, बेहद ऊंचाई पर तैनाती के दौरान इस्तेमाल होने वाले कपड़े, खास तरह के बर्फ पर चलने वाले जूते, स्लीपिंग बैग्स, अंदर पहनने वाले कपड़े बगैरह भी इस दायरे में आएंगे।
अगर खरीद 50 लाख से ज्यादा कीमत की होगी और सबसे कम बोली बोलने वाली कंपनी विदेशी है तो उसे कुल ऑर्डर का आधा ही दिया जाएगा। बाकी आधे के लिए उसी कीमत पर भारतीय कंपनी को सप्लाई करने का मौका दिया जाएगा। अगर ऑर्डर को आधा-आधा न किया जा सकेगा तो भी विदेशी कंपनी के टेंडर के बारे में जानकारी देकर भारतीय कंपनी से सप्लाई की संभावना तलाशी जाएगी। सेना के उच्च पदस्थ अधिकारी ने कहा कि ऐसा वातावरण तैयार करने की कोशिश की जाएगी, जिसमें सैनिक साजोसामान की खरीदी में भारतीय कंपनियों को हर तरह से आगे बढ़ाया जा सके।
रक्षा मामले में आत्मनिर्भर बनने के लिए पिछले कई साल से प्रयास किए जा रहे हैं। दिसंबर 2018 में रक्षा सचिव की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में सेना के लिए खरीददारी में स्वदेशीकरण को बढ़ाने और स्वदेशी कंपनियों को विदेशी कंपनियों के बराबर लाने के निर्देश दिए गए थे। सेना खरीदी में इस नई नीति को चरणबद्ध ढंग से बढ़ाने का फैसला किया है।