28 सप्ताह से भ्रूण को समाप्त करने की हाईकोर्ट ने दी अनुमति, लड़की का हुआ था बाल विवाह

Edited By Yaspal,Updated: 18 Apr, 2024 10:20 PM

high court gives permission to terminate fetus after 28 weeks

बम्बई हाईकोर्ट ने बाल विवाह की शिकार एक किशोरी को भ्रूण संबंधी विकारों के आधार पर उसके 28 सप्ताह के गर्भ को चिकित्सकीय रूप से समाप्त करने की अनुमति दे दी है।

नेशनल डेस्कः बम्बई हाईकोर्ट ने बाल विवाह की शिकार एक किशोरी को भ्रूण संबंधी विकारों के आधार पर उसके 28 सप्ताह के गर्भ को चिकित्सकीय रूप से समाप्त करने की अनुमति दे दी है। जस्टिस पी. डी. नाइक और जस्टिस एन. आर. बोरकर की खंडपीठ ने 12 अप्रैल के अपने आदेश में कहा कि किशोरी ‘‘एचआईवी सेरोपॉजिटिव'' है। आदेश की प्रति गुरूवार को उपलब्ध कराई गई।

हाईकोर्ट में 17-वर्षीया लड़की ने एक याचिका दायर कर गर्भपात की अनुमति मांगी थी और कहा था कि संबंधित जांच से पता चला है कि भ्रूण में आनुवंशिक विकारों की आशंका के साथ अस्थि-पंजर संबंधी विसंगतियां थीं। गर्भ का चिकित्‍सकीय समापन अधिनियम के तहत, 24 सप्ताह से अधिक के गर्भ को समाप्त करने के लिए अदालत की मंजूरी की आवश्यकता होती है।

हाईकोर्ट ने पुणे में सरकारी ससून जनरल अस्पताल के मेडिकल बोर्ड द्वारा प्रस्तुत उस रिपोर्ट पर भरोसा जताया, जिसमें गर्भावस्था को समाप्त करने की सिफारिश की गई थी, क्योंकि लड़की नाबालिग है और ‘‘एचआईवी सेरोपॉजिटिव'' है। बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भ्रूण में भी कई विकार हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि वह लड़की की मानसिक और चिकित्‍सकीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए गर्भपात की अनुमति दे रहा है।

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