Edited By Radhika,Updated: 16 May, 2024 01:17 PM
राजस्थान के मासूम ह्रदयांश को 17.50 करोड़ रुपए का इंजेक्शन लगा दिया गया है। 23 महीने का ह्रदयांश स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी नामक दुर्लभ बीमारी से जूझ रहा था। जयपुर के जेके लोन अस्पताल के रेयर डिजीज के इंचार्ज डॉ. प्रियांशु माथुर और उनकी टीम ने बच्चे को...
नेशनल डेस्क: राजस्थान के मासूम ह्रदयांश को 17.50 करोड़ रुपए का इंजेक्शन लगा दिया गया है। 23 महीने का ह्रदयांश स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी नामक दुर्लभ बीमारी से जूझ रहा था। जयपुर के जेके लोन अस्पताल के रेयर डिजीज के इंचार्ज डॉ. प्रियांशु माथुर और उनकी टीम ने बच्चे को यह इंजेक्शन लगाया है। करोड़ों रुपए के इस इंजेक्शन के लिए परिवार के पास इतनी धनराशि नहीं थी। इंजेक्शन के लिए धनराशि क्राउड फंडिंग के ज़रिए इक्ट्ठा की गई है। इसमें भारतीय क्रिकेटर से लेकर बड़े राजनेताओं ने मासूम के लिए मदद मांगी।
डॉ. प्रियांशु माथुर ने बताया कि स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी नामक दुर्लभ बीमारी 2 से 4 साल के बच्चे में देखी गई है। इस बीमारी से बच्चे की मसल्स में कमजोरी आती है और सांस रुकने की संभावना रहती है। इस दवा का असर एक हफ्ते में दिखना शुरु होगा, जबकि पूरी तरह ठीक होने में समय लगेगा। डॉक्टर ने आगे बताया कि ह्रदयांश को इंजेक्शन लगाने के बाद अब अगले दो महीने तक दवाइयां चलेंगी। फिलहाल उसे 24 घंटे के लिए ऑब्जर्वेशन में रखा गया है। यदि सब कुछ ठीक रहता है, तो उसके बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
ह्रदयांश के पिता राजस्थान में पुलिस में इंस्पेक्टर हैं। बच्चे के जन्म के 6 महीने के बाद इस बीमारी का पता चला। इलाज के लिए इंजेक्शन का खर्च 17.50 करोड़ रुपए था। इसके लिए उन्होंने हारी नहीं मानी और सोशल मीडिया पर मुहिम चलाई। इसी के चलते राजस्थान के कई सरकारी कर्मचारियों ने अपने महीनों की सैलेरी बच्चें के लिए डोनेट की।