Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 24 Apr, 2025 08:48 PM
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को चरम पर पहुंचा दिया। भारत ने इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ बताया और जवाबी कार्रवाई में 1960 की सिंधु जल संधि को खत्म कर दिया।
नेशनल डेस्क: 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को चरम पर पहुंचा दिया। भारत ने इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ बताया और जवाबी कार्रवाई में 1960 की सिंधु जल संधि को खत्म कर दिया। इसके बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया और 24 अप्रैल को नेशनल सिक्योरिटी कमेटी की आपात बैठक बुलाई गई।
क्या है Shimla Agreement 1972?
Shimla Agreement यानी शिमला समझौता 2 जुलाई 1972 को भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो के बीच हुआ था। यह समझौता भारत-पाक के बीच 1971 युद्ध के बाद हुआ, जिसमें भारत ने पाकिस्तान के लगभग 90 हजार सैनिक बंदी बनाए थे।
इस समझौते की कुछ प्रमुख बातें:
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दोनों देश आपसी विवादों को बातचीत से सुलझाएंगे
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किसी भी तीसरे देश या संस्था की मध्यस्थता नहीं ली जाएगी
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बल या हिंसा का इस्तेमाल नहीं होगा
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1971 युद्ध के बाद बनी सीमा को लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) के रूप में मान्यता दी गई
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बंदी बनाए गए सैनिकों और नागरिकों को वापस किया गया
Pakistan ने खुद ही कभी नहीं माना Shimla Agreement
हालांकि पाकिस्तान ने कभी इस समझौते की आत्मा को पूरी तरह स्वीकार नहीं किया। चाहे कारगिल युद्ध हो या 26/11 मुंबई हमला, पाकिस्तान की ओर से समझौते का उल्लंघन होता रहा है। भारत फिर भी संयम बरतता रहा। अब जब भारत ने सिंधु जल संधि खत्म की है, पाकिस्तान ने बौखलाकर Shimla Agreement को भी तोड़ने की धमकी दी है।
अगर Shimla Agreement टूटा तो भारत पर क्या होगा असर?
अगर पाकिस्तान इस समझौते को कैंसिल करता है, तो अंतरराष्ट्रीय मंचों पर वह कश्मीर मुद्दे को फिर से उठाने की कोशिश कर सकता है। हालांकि इस समझौते के कारण ही वह अब तक ऐसा करने से बचता रहा।
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LoC को मान्यता नहीं देने पर सीमा पर संघर्ष बढ़ सकता है
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भारत की शांतिप्रिय छवि को नुकसान हो सकता है
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पाकिस्तान OIC और UN जैसे मंचों पर भारत के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश कर सकता है
लेकिन भारत को मिल सकता है रणनीतिक फायदा
अगर Pakistan खुद Shimla Agreement को तोड़ता है, तो भारत को कई मोर्चों पर रणनीतिक बढ़त मिल सकती है:
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LoC पर कड़े कदम उठाने की वैधता मिलेगी
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भारत पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करने की दिशा में मजबूत दलीलें रख सकता है
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पाकिस्तान की वैश्विक विश्वसनीयता और कम होगी
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भारत कह सकता है कि पाकिस्तान बातचीत से भाग रहा है
पाकिस्तान को क्या होगा नुकसान?
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले ही FATF, IMF और विदेशी निवेश की कमी से बेहाल है। Shimla Agreement तोड़ने पर:
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अंतरराष्ट्रीय मदद और कर्ज मिलना और मुश्किल होगा
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आंतरिक अस्थिरता और चरमपंथ बढ़ सकते हैं
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भारत से रिश्तों के और खराब होने से व्यापार, रोजगार और निवेश पर बुरा असर पड़ेगा
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अमेरिका, यूरोप और खाड़ी देश भी पाकिस्तान से दूरी बना सकते हैं
क्यों उठ रही है समझौता खत्म करने की बात?
पाकिस्तानी मीडिया DAWN के अनुसार, 24 अप्रैल की बैठक में पाकिस्तान की सुरक्षा समिति ने सुझाव दिया कि भारत के साथ सभी समझौतों को स्थगित रखा जा सकता है, जब तक कि भारत के हालिया फैसलों की समीक्षा नहीं होती। यह बात पाकिस्तान की बौखलाहट को दिखाती है।