Edited By shukdev,Updated: 20 Jan, 2020 08:30 PM
अंतररष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने वर्ष 2019 में भारत की विकास दर 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जारी करते हुए कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती के कारण उसे वैश्विक आर्थिक विकास दर अनुमान में भी 0.1 प्रतिशत की कटौती करनी पड़ रही है। वैश्विक संगठन...
दावोस: अंतररष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने वर्ष 2019 में भारत की विकास दर 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जारी करते हुए कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती के कारण उसे वैश्विक आर्थिक विकास दर अनुमान में भी 0.1 प्रतिशत की कटौती करनी पड़ रही है। वैश्विक संगठन ने सोमवार को जारी ‘वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक अपडेट' रिपोर्ट में वर्ष 2020 के लिए भारत के विकास दर अनुमान में 1.2 प्रतिशत की कटौती करते हुए इसके 5.8 प्रतिशत रहने की बात कही है। इससे पहले अक्टूबर 2019 में उसने कहा था कि वर्ष 2020 में देश की विकास दर सात फीसदी रहेगी।
रिजर्व बैंक और विश्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में देश की विकास दर पांच फीसदी रहने का अनुमान जताया
वर्ष 2021 का विकास अनुमान भी 0.9 प्रतिशत घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया है। विकास दर के बारे में हाल के दिनों में जारी रिपोर्ट में आईएमएफ का अनुमान सबसे निराशाजनक रहा है। रिजर्व बैंक और विश्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में देश की विकास पांच प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है जबकि संयुक्त राष्ट्र की पिछले सप्ताह जारी रिपोर्ट में 5.7 प्रतिशत विकास अनुमान की बात कही गई है। भारत के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि गैर-बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र पर दबाव और ऋण उठाव में गिरावट के बीच घरेलू मांग में अपेक्षा से तेज गति से गिरावट आई है। उसने कहा है कि मौद्रिक एवं वित्तीय प्रोत्साहन तथा कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के कारण 2020 और 2021 में देश की विकास दर में वृद्धि होगी।
भारतीय अर्थव्यवस्था में अचानक आई सुस्ती मुख्य कारक
रिपोर्ट में वर्ष 2019 के लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था का विकास दर अनुमान तीन फीसदी से घटाकर 2.9 प्रतिशत, वर्ष 2020 का विकास अनुमान 3.4 फीसदी से घटाकर 3.3 प्रतिशत और वर्ष 2021 का विकास अनुमान 3.6 फीसदी से घटकर 3.4 फीसदी कर दिया गया है। इसके लिए मुख्य कारक भारतीय अर्थव्यवस्था में अचानक आई सुस्ती को बताया गया है। रिपोर्ट के अनुसार,‘विकास अनुमान घटाने का मुख्य कारक कुछ उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं - विशेषकर भारत - में अचानक आए नकारात्मक बदलाव हैं। इससे अगले दो साल के सकल घरेलू उत्पाद विकास दर में कटौती करनी पड़ी। कुछ मामलों में अनुमान में कटौती का कारण सामाजिक अशांति का बढ़ना भी रहा है।'
रिपोर्ट में चीन की विकास दर 2019 में 6.1 प्रतिशत, 2020 में छह प्रतिशत और 2021 में 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जारी किया गया है। इस प्रकार आईएमएफ ने 2019 और 2020 में भारत से ‘दुनिया की सबसे तेजी बढ़ती अर्थव्यवस्था' का तमगा छिनने का अनुमान व्यक्त किया है।