E Cigarette पर लगी पाबंदी: जानिए किस तरह देश का भविष्य कर रही थी बर्बाद

Edited By vasudha,Updated: 19 Sep, 2019 04:39 PM

know how cigarettes were ruining the future of the country

केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रानिक सिगरेट यानी ई-सिगरेट के उत्पादन, बिक्री, भंडारण, प्रचार, लाने-ले जाने और आयात-निर्यात पर पूरी तरह से पांबदी लगा दी है। इसका उल्लंघन करने वाले को एक साल तक की सजा होगी और एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा...

नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रानिक सिगरेट यानी ई-सिगरेट के उत्पादन, बिक्री, भंडारण, प्रचार, लाने-ले जाने और आयात-निर्यात पर पूरी तरह से पांबदी लगा दी है। इसका उल्लंघन करने वाले को एक साल तक की सजा व एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा। हालांकि सरकार के इस फैसले के बाद देश में बहस भी छिड़ गई है लेकिन बहुत कम लोग यह जानते हैं कि धुआं रहित, दुर्गंध रहित और कई फ्लेवर्स का लालच देने वाली यह ई सिगरेट नॉर्मल सिगरेट से भी ज्यादा खतरनाक है। जानिए किस तरह ई सिगरेट कर रही देश का भविष्य बर्बाद:-

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क्‍या है ई सिगरेट

  • इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलीवरी सिस्टम (एंडस) बैटरी संचालित उपकरण होते हैं, जो शरीर में निकोटिन पहुंचाने के लिए इलेक्ट्रिसिटी का उपयोग करते हैं।
  • इसमें सबसे ज़्यादा यूज़ होने वाला उपकरण ई-सिगरेट है।
  • इसे बाहर से सिगरेट के आकर का ही बनाया जाता है।
  • इस सिगरेट के अंत में एक एलईडी बल्ब लगा होता है। जब कोई व्यक्ति कश लगाता है तो ये एलईडी बल्ब बैटरी की मदद से जलता है।
  • ई-सिगरेट में उपस्थित निकोटीन लिक्विड के जलने से धुआं नहीं छोड़ता बल्कि निकोटीन लिक्विड एलईडी बल्ब की मदद से गर्म होकर भांप बनाता है।

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सिगरेट से कहीं ज्यादा नुकसानदायक

  • साधारण तंबाकू के मुकाबले ई-सिगरेट में 10 गुना ऐसे तत्व होते हैं, जिनसे कैंसर हो सकता है।
  • ई-सिगरेट में खुशबूदार द्रव का इस्तेमाल होता है, जिसमें कई बार निकोटीन भी होता है।
  • इसके भाप में फॉर्मलडिहाइड और एसिटलडीहाइड जैसे कार्सिनोजेन तत्व पाए गए हैं। 
  • फॉर्मलडिहाइड का इस्तेमाल इमारतों के निर्माण में होता है और ई-सिगरेट में इसकी मात्रा साधारण सिगरेट के मुकाबले ज्यादा पाई जाती है।
  • ई-सिगरेट में निकोटीन की अधिक मात्रा होने से दिल, जिगर, गुर्दे को नुक्सान पहुंचता है।

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कब हुआ ई-सिगरेट का अविष्कार

  • इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट का आविष्कार चीनी फार्मासिस्ट हॉन लिक ने किया था।
  • 2003 में डिवाइस को पेटेंट करवा लिए था और 2004 में इसे बाजार में पेश किया था।
  • इस सिगरेट में रिचार्जेबल लिथियम बैटरी, निकोटीन कार्टेज और वाष्पीकरण चैम्बर तीन भाग लगे रहते हैं। 
  • इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट में निकोटीन लिक्विड जलता नहीं इसलिए इससे धुआं नहीं बनता। वो गर्म होकर भाप बनाता है। इसलिए इसे पीने वाला भाप खींचता है न कि धुआं।
     

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