Edited By Seema Sharma,Updated: 15 May, 2019 12:35 PM
लोकसभा चुनाव के लिए अंतिम चरण का मतदान 19 मई को संपन्न हो जाएगा और 23 मई को नजीते घोषित कर दिए जाएंगे। नतीजों से पहले आएंगे एग्जिट पोल। चुनाव संपन्न होने के बाद सभी न्यूज चैनलों पर शाम 6 बजे के बाद एग्जिट पोल आने लगेंगे
नेशनल डेस्कः लोकसभा चुनाव के लिए अंतिम चरण का मतदान 19 मई को संपन्न हो जाएगा और 23 मई को नजीते घोषित कर दिए जाएंगे। नतीजों से पहले आएंगे एग्जिट पोल। चुनाव संपन्न होने के बाद सभी न्यूज चैनलों पर शाम 6 बजे के बाद एग्जिट पोल आने लगेंगे और इसके आधार पर ही कयास लगने शुरू हो जाएंगे कि हवा का रुख किसी पार्टी की तरफ है।
इन्होंने की थी एग्जिट पोल की शुरुआत
वहीं इस दौरान जो एक बात दिमाग में आती है कि यह एग्जिट पोल की शुरुआत कैसे हुई और किसने की। तो चलिए आपको बताते हैं कि सबसे पहला एग्जिट पोल 1967 में आया था। एग्जिट पोल को शुरू करने का श्रेय नीदरलैंड के एक समाजशास्त्री और पूर्व राजनेता मार्सेल वॉन डैम को जाता है। उन्होंने 15 फरवरी, 1967 में पहली बार इसका इस्तेमाल किया था। नीदरलैंड में हुए चुनाव में उनका आकलन सटीक बैठा था। वहीं भारत में इसकी शुरुआत इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन के मुखिया एरिक डी कोस्टा ने की थी। भारत में चुनाव के दौरान जनता के मिजाज को परखने वाले वे पहले इंसान थे।
ऐसे बनता है एग्जिट पोल
चुनाव के दौरान निर्वाचकों, वोटर से बातचीत और कैंडिडेट्स की जीत-हार के पूर्वानुमानों के आकलन की एक पूरी प्रक्रिया होती है इसे सर्वे कहते हैं। यह सर्वे अलग-अलग आधार पर किए जाते हैं और इन्ही सर्वें के बीच में से निकलता है एग्जिट पोल। जिस दिन से मतदान शुरू होते हैं तब से लेकर अंतिम दिन तक पूरा डाटा इकट्ठा किया जाता है। वोटर्स से पूछा जाता है कि उसने किसको वोट दिया, फिर इसके बाद टीवी चैनल आखिरी दिन एग्जिट पोल दिखाते हैं।