Edited By Niyati Bhandari,Updated: 22 May, 2019 11:07 AM
देश की सरकार चुनने का दौर पूरा हो चुका है। चुनावी पंडित जातीय समीकरणों के आकलन में जुटे हैं। वहीं टी.वी. चैनलों पर एग्जिट पोल छाया है। तमाम एग्जिट पोल आसानी से जहां मोदी सरकार बनने की बात कर रहे हैं वहीं मोदी के लोकसभा क्षेत्र काशी के पंडित कुछ और...
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देश की सरकार चुनने का दौर पूरा हो चुका है। चुनावी पंडित जातीय समीकरणों के आकलन में जुटे हैं। वहीं टी.वी. चैनलों पर एग्जिट पोल छाया है। तमाम एग्जिट पोल आसानी से जहां मोदी सरकार बनने की बात कर रहे हैं वहीं मोदी के लोकसभा क्षेत्र काशी के पंडित कुछ और ही भविष्यवाणी कर रहे हैं। काशी के पंडितों के अनुसार इस बार समीकरण बदलेंगे और सरकार बनने की राह आसान नहीं होगी।
जोड़-तोड़ से बनी सरकार, पूरा करेगी कार्यकाल
23 मई यानी गुरुवार को जब मतगणना होगी उस दिन उत्तराषाढ़ा नक्षत्र और बुधादित्य योग का प्रभाव पूरे दिन रहेगा। सूर्य, चंद्रमा और केतु धनु राशि में तो गुरु बृहस्पति पी.एम. नरेंद्र मोदी की वृश्चिक राशि में होंगे। इस बीच दिन के समय चंद्रमा के धनु से मकर राशि में स्थान परिवर्तन से ठीक उसी तरह चुनाव परिणाम पर असर पड़ेगा जैसे विभिन्न राशियों के लोगों के जीवन पर प्रभाव पड़ता है। ग्रहों के चलते सारे अनुमान धरे रह जाएंगे। परिणाम अस्थिर सरकार का संकेत देंगे, लेकिन जोड़-तोड़ से बनने वाली सरकार कार्यकाल पूरा करेगी। जिसने भी एकाधिकार की उम्मीद लगाई होगी, उसे मायूसी हाथ लगेगी।
-ज्योतिषी विमल जैन
शनि-राहु की चाल अहम, कई दलों के नेता होंगे निराश
बृहस्पति, शनि और केतु ग्रह का सीधा असर चुनाव परिणाम पर दिखेगा। इससे परिणाम चौंकाने वाला, प्रभावशाली और लोकतंत्र के लिए बेहतर होगा। कुर्सी पाने और कुर्सी से बेदखल होने में शनि-राहु ग्रहों की प्रमुख भूमिका होने से सत्ता पाने की आस लगाए कई दलों के नेताओं को निराशा हाथ लगेगी, वहीं देश को मजबूत सरकार मिलेगी। हालांकि बेहतर प्रदर्शन से एक-दो दलों को आने वाले समय में फायदा मिल सकता है। राशि में उच्च ग्रहों के चलते पी.एम. मोदी का भाग्य प्रबल होने से क्षेत्रीय दलों के सहयोग से फिर देश की बागडोर संभालना तय है।
-प्रो. विनय कुमार विभागाध्यक्ष, बी.एच.यू.
सत्ताधारी दल को लग सकता है हल्का झटका
चुनाव प्रक्रिया के अलग-अलग चरणों में ग्रहों की स्थिति अलग होने के बावजूद प्रभावी ग्रहों के अंतिम समय में एक ही जगह होने से अप्रत्याशित चुनाव परिणाम आ सकते हैं। वर्तमान सत्ताधारी दल को भी हल्का झटका लग सकता है पर उसका असर सरकार बनने व बनाने पर नहीं पड़ेगा। राजनीतिक पद प्रतिष्ठा के लिए सबसे महत्वपूर्ण मंगल और उसके बाद चंद्रमा, बृहस्पति की स्थिति पी.एम. मोदी की कुंडली में बेहतर होने से उनके नेतृत्व में एक बार फिर सरकार बनने की संभावना है। नई सरकार जनता की बेहतरी के लिए पहले से कहीं ज्यादा काम करेगी तो दुनिया में भारत की साख और बढ़ेगी।
-चंद्रमौलि उपाध्याय, काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के पूर्व सदस्य
महिला प्रधानमंत्री बनने की संभावना इस बार कम
बृहस्पति, शनि व केतु के धनु राशि में तथा मिथुन राशि में राहुल व मंगल की युति का जबरदस्त असर चुनाव परिणाम पर पड़ेगा। तमाम बड़े नाम चुनाव हारेंगे तो नए चेहरे बाजी मारेंगे। सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष में बदलाव दिखेगा। परिधावी संवत्सर होने से देश की बागडोर पुरुष के ही हाथों में होगी। किसी महिला के प्रधानमंत्री बनने की संभावना क्षीण है। घोषित चेहरों में जिसे भी प्रधानमंत्री पद संभालने का मौका मिलेगा, वह अपने ऊपर हुए आक्रमणों का हिसाब-किताब लेने में पीछे नहीं रहेगा। जहां तक भाजपा का सवाल है तो दक्षिण को छोड़ देश के बाकी हिस्सों में अनुकूल स्थिति होने से सीटें कम होंगी।
-डॉ. कामेश्वर उपाध्याय, महामंत्री अखिल भारतीय विद्वत परिषद
कांग्रेस की ताकत बढ़ेगी लेकिन सरकार नहीं बनेगी
पी.एम. नरेंद्र मोदी और भाजपा की कुंडली में वर्ष 2014 जैसी सूर्य की महादशा न होने से पूर्ण बहुमत मिलना संभव नहीं दिख रहा। अन्य दलों के समर्थन से भाजपा को सरकार बनानी होगी जो पहले जैसी मजबूत नहीं होगी। 5 साल के पहले फिर चुनाव की स्थिति बन सकती है। वहीं पी.एम. मोदी एक बार फिर दिल्ली की सत्ता संभालेंगे। कांग्रेस की कुंडली मीन लग्न और कन्या राशि की है। वर्तमान में गुरु की महादशा में सूर्य का अंतर चल रहा है। ऐसे में कांग्रेस की ताकत तो बढ़ेगी लेकिन सरकार बनाने की स्थिति में नहीं होगी। कुल मिलाकर भाजपा पहले की तरह मजबूती से केंद्र में नहीं आएगी।
- ज्योतिषाचार्य पं. ऋ षि द्विवेदी
बृहस्पति और शनि ग्रहों के असर से दिखेंगे नए समीकरण
बृहस्पति और शनि ग्रहों के चलते चौंकाने वाले चुनाव परिणाम से नए सियासी समीकरण सामने आएंगे। ज्यादातर एग्जिट पोल के नतीजे धरे के धरे रह जाएंगे। प्रबल ग्रहों के चलते केंद्र की सत्ता पर पी.एम. मोदी के काबिज होने की संभावना अधिक है, लेकिन यह सब आसानी से नहीं होगा। नई पार्टियों के साथ गठबंधन से सरकार बनेगी। मायावती तथा ममता बनर्जी का चुनाव के दौरान दिखाई देने वाला प्रभाव परिणाम नहीं बदल सकेगा।
-पं. दीपक मालवीय, ज्योतिष शास्त्री एवं वास्तु सलाहकार