Edited By Seema Sharma,Updated: 19 Aug, 2018 01:47 PM
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दल गठबंधन कर लें तो एन.डी.ए. को कड़ी चुनौती मिल सकती है जबकि 2014 की तरह भाजपा 2019 में अकेले दम पर बहुमत हासिल नहीं कर सकेगी। इसके साथ ही अगर एन.डी.ए. के खिलाफ महागठबंधन मिलकर चुनाव लड़ेगा
नई दिल्ली: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दल गठबंधन कर लें तो एन.डी.ए. को कड़ी चुनौती मिल सकती है जबकि 2014 की तरह भाजपा 2019 में अकेले दम पर बहुमत हासिल नहीं कर सकेगी। इसके साथ ही अगर एन.डी.ए. के खिलाफ महागठबंधन मिलकर चुनाव लड़ेगा तो त्रिशंकु लोकसभा के भी आसार हैं। कार्वी इनसाइट्स इंडिया टुडे के सर्वे में ये बातें सामने आई हैं। सर्वे में 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहतर विकल्प से लेकर किस दल को कितनी सीटें और गठबंधन जैसे विषयों पर सवाल किए गए थे जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
सर्वे के मुताबिक अगर 10 महीने बाद चुनाव होते हैं और कांग्रेस समाजवादी पार्टी बहुजन समाज पार्टी, तृणमूल कांग्रेस के साथ मिलकर 2019 की चुनावी जंग में उतरती है तो यू.पी.ए. को लोकसभा की कुल 543 सीटों में से कुल 242 सीटों पर जीत हासिल होगी जिसमें कांग्रेस द्वारा जीती गई सीटों की संख्या 97 होगी।
वहीं अगर एनडीए, एआईएडीएमके और वाईएसआर कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी तो इस गठबंधन को कुल 255 सीटें मिलेंगी जिसमें भाजपा द्वारा जीती गई सीटों की संख्या 196 होगी जबकि अन्य दलों को कुल 46 सीटों पर जीत हासिल होगी।