चीन के चंगुल से जल्द बाहर निकल सकता है मालदीव

Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Feb, 2018 07:33 PM

maldives can come out soon from china  s clutches

मालदीव की चीन समर्थक अब्दुल्ला यामीन सरकार को नौ प्रमुख विपक्षी नेताओं को रिहा करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भारत के राजनयिक हलकों में राहत महसूस की जा रही है और माना जा रहा है कि मालदीव जल्द ही चीन के चंगुल से बाहर निकल सकता है। वीरवार रात को...

नई दिल्ली (रंजीत कुमार) : मालदीव की चीन समर्थक अब्दुल्ला यामीन सरकार को नौ प्रमुख विपक्षी नेताओं को रिहा करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भारत के राजनयिक हलकों में राहत महसूस की जा रही है और माना जा रहा है कि मालदीव जल्द ही चीन के चंगुल से बाहर निकल सकता है। वीरवार रात को मालदीव के सुप्रीम कोर्ट द्वारा जेल में बंद विपक्षी नेताओं को रिहा कर देने के निर्देश के बाद मालदीव की सड़कों पर जश्न मनाया जा रहा है और सरकार विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद श्रीलंका में रह रहे पूर्व राष्ट्रपति मुहम्मद नशीद की स्वदेश वापसी का रास्ता साफ हो सकता है। नशीद भारत समर्थक माने जाते हैं और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक मालदीव में प्रस्तावित संसदीय चुनावों में मुहम्मद नशीद फिर राष्ट्रपति का चुनाव लड़ सकते है। नशीद यदि सत्ता में लौटे तो मालदीव पर चीन का प्रभाव नहीं रहेगा।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी करते हुए भारत ने कहा है कि वीरवार रात को मालदीव के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को हमने देखा है। भारत की वहां के हालात पर नजर है। भारत ने कहा कि जनतंत्र और कानून के शासन की भावना के अनुरूप मालदीव सरकार के सभी अंगों का यह दायित्व है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का आदर और पालन करे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यह उम्मीद भी की कि मालदीव में रह रहे भारतीय प्रवासी लोगों की सुरक्षा हर हालत में सुनिश्चित की जाएगी। प्रवक्ता ने कहा कि एक नजदीकी और दोस्ताना पड़ोसी के नाते भारत एक शांतिपूर्ण और समृद्ध मालदीव की कामना करता है।

उल्लेखनीय है कि पांच साल पहले राष्ट्रपति नशीद को सत्ताच्युत कर खुद राष्ट्रपति बनने वाले अब्दुल्ला यामीन ने मालदीव में पूरे विपक्ष को कुचल दिया। सत्ताच्युत राष्टपति नशीद देश से बाहर रहने को मजबूर हैं औऱ कई विपक्षी नेता जेल में कैद हैं। इस दौरान मालदीव की सरकार चीन ने डोरे ड़ाले और मालदीव के कुछ द्वीप लीज पर हासिल कर लिए। इससे भारत की सुरक्षा पर आंच आई है जिससे भारतीय सामरिक हलकों भारी चिंता है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का राष्ट्रपति यामीन ने शुक्रवार  देर शाम तक पालन  नहीं किया था। राष्ट्रपति यामीन के प्रवक्ता ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सरकार की बात सुने बिना आदेश जारी किया।

मुहम्मद नशीद ने इस फैसले के बाद कहा है कि राष्ट्रपति यामीन को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। मालदीव के पुलिस प्रमुख ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानेंगे लेकिन इस बयान के तुरंत बाद राष्ट्रपति यामीन ने पुलिस प्रमुख को पद से हटा दिया।

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