Edited By Niyati Bhandari,Updated: 16 Oct, 2019 07:31 AM
मासिक कार्तिगाई का पर्व हर महीने आता है, जिसे अधिकतर तमिल-हिंदुओं द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। केरल में इस पर्व की थ्रिक्कार्तिका के रूप में सेलिब्रेशन होती है। जो लोग इस दिन व्रत-उपवास,
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मासिक कार्तिगाई का पर्व हर महीने आता है, जिसे अधिकतर तमिल-हिंदुओं द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। केरल में इस पर्व की थ्रिक्कार्तिका के रूप में सेलिब्रेशन होती है। जो लोग इस दिन व्रत-उपवास, पूजा-पाठ या फिर कुछ खास उपाय करते हैं उन्हें भगवान शिव और उनके पुत्र मुरुगन का आशीष प्राप्त होता है। इस दिन चंद्रमा कृतिका नक्षत्र में आता है और इसकी उत्पत्ति का मूल सूर्य का नक्षत्र कृतिका है। ज्योतिष विद्वानों के अनुसार कृतिका को अग्नि का प्रतीक कहा गया है। कहते हैं भगवान शिव ने श्री विष्णु व ब्रह्मा जी को अपनी सर्वोच्चता सिद्ध करने के लिए खुद को प्रकाश की एक अंतहीन लौ के रूप में परिवर्तित कर लिया था। अत: इस दिन दीपक जलाने का बहुत महत्व है। वैसे भी आजकल कार्तिक मास चल रहा है तो आप एक दीप लगाकर कभी न खत्म होने वाला पुण्य प्राप्त कर सकते हैं।
संध्या काल में तेल के दीपों की पंक्तियों को अपने घर व शिवालय में लगाने से आपके घर में कभी भी अंधकार नहीं होगा और हमेशा बरकत बनी रहेगी।
पीपल के वृक्ष के नीचे शाम को 7 दीपक जलाकर 7 बार परिक्रमा करें। उसके पश्चात 7 लड्डू कुत्ते को खिलाएं। ऐसा करने से मन प्रफुल्लित रहेगा और समस्त कार्यों में सफलता प्राप्त होगी।
सरसों के तेल के दीपक में एक अखंडित लौंग डालकर निर्जन स्थान पर जला दें। लाइफ से टेंशन दूर होगी।
श्यामा तुलसी के पौधे में अर्घ्य देकर धूप दिखाएं। पूरा महीना सफलतापूर्वक व्यतीत होगा।
तुलसी के पौधे पर दीपक लगाएं, कर्ज उतारने में सफल होंगे।