Edited By rajesh kumar,Updated: 03 Aug, 2022 12:58 PM
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को केंद्र सरकार पर राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और आयकर विभाग जैसी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया और इस मुद्दे पर नियम...
नेशनल डेस्क: राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को केंद्र सरकार पर राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और आयकर विभाग जैसी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया और इस मुद्दे पर नियम 267 के तहत तत्काल चर्चा कराने की मांग की। सभापति एम वेंकैया नायडू ने इस संबंध में खड़गे के नोटिस को अस्वीकार कर दिया। उन्होंने शिवेसना की प्रियंका चतुर्वेदी, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और राघव चड्ढा की ओर से नियम 267 के तहत विभिन्न मुद्दों पर दिए गए नोटिस को भी अस्वीकार कर दिया।
उन्होंने कहा कि यह ऐसे मुद्दे हैं, जिनके लिए सदन का कामकाज स्थगित नहीं किया जा सकता। हालांकि, उन्होंने खड़गे और चतुर्वेदी को अपनी बात रखने का मौका दिया। खड़गे ने कहा कि उन्होंने नियम 267 के तहत जो नोटिस दिया वह बहुत महत्वपूर्ण है और उस पर सदन में चर्चा की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग जैसी स्वायत्त संस्थाओं का दुरुपयोग हो रहा है और मौजूदा सत्तारूढ़ सरकार राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ बैरभाव से यह कर रही है। अभियान चलाकर राजनीतिक दलों के नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, मीडिया और लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकारों को गिराने के लिए इन एजेंसियों का उपयोग किया जा रहा है।''
खड़गे ने इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की लेकिन सभापति ने इसे अस्वीकार कर दिया। चतुर्वेदी ने कहा कि राज्यसभा राज्यों की परिषद है और ईडी ने सदन के एक वर्तमान सदस्य और उनकी पार्टी के नेता को गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि नियमों के मुताबिक ईडी को इसकी पूर्व सूचना सभापति को देनी चाहिए थी लेकिन ऐसा ना करके उन्होंने सभापति की संवैधानिक स्थिति को कमजोर किया है। इसके बाद राज्यसभा में शून्यकाल सामान्य रूप से चला और सदस्यों ने इसके तहत अपने अपने मुद्दे उठाए। इससे पहले, उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने सदन को सूचित किया कि उन्होंने शून्यकाल के लिए और विशेष उल्लेख के लिए दिए गए नोटिस स्वीकार कर लिए हैं।