Edited By Seema Sharma,Updated: 03 Sep, 2020 12:03 PM
आगामी संसद सत्र में प्रश्नकाल निलंबित करने को लेकर आलोचना के बीच सरकार ने कहा कि वह किसी भी चर्चा से भाग नहीं रही है और सभी विपक्षी दलों को इस कदम के बारे में पहले ही बता दिया गया था और उनमें से अधिकतर इस पर सहमत थे। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद...
नेशनल डेस्कः आगामी संसद सत्र में प्रश्नकाल निलंबित करने को लेकर आलोचना के बीच सरकार ने कहा कि वह किसी भी चर्चा से भाग नहीं रही है और सभी विपक्षी दलों को इस कदम के बारे में पहले ही बता दिया गया था और उनमें से अधिकतर इस पर सहमत थे। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार अतारांकित प्रश्नों (Unstarred questions) के लिए तैयार है और उसने दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों को इसे सुविधाजनक बनाने का अनुरोध किया है। अतारांकित प्रश्न वे प्रश्न होते हैं जिनके लिखित उत्तर मंत्रियों द्वारा दिए जाते हैं जबकि 'तारांकित प्रश्न'(Starred question) वे होते हैं, जिनके उत्तर प्रश्नकाल के दौरान सदन में मौखिक रूप से दिया जाना वांछित होता है।
जोशी ने कहा कि हम किसी भी चर्चा से भाग नहीं रहे हैं और हम उन सभी मुद्दों या विषय पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं जिसका निर्णय कार्यमंत्रणा समिति में लिया जाएगा। जोशी ने यह उल्लेख किया कि मानसून सत्र कोविड-19 महामारी के मद्देनजर अभूतपूर्व परिस्थितियों में हो रहा है। उन्होंने कहा कि यदि प्रश्नकाल होता है तो मंत्रालयों के अधिकारियों को संसद में आना होगा और इससे भीड़ हो सकती है। मंत्री ने कहा कि इसलिए सदस्यों की सुरक्षा के लिए मानसून सत्र के दौरान कोई प्रश्नकाल नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सत्र के लिए अधिसूचना जारी होने से पहले सरकार ने सभी विपक्षी दलों से संपर्क किया था और उनमें से अधिकांश सत्र के दौरान प्रश्नकाल आयोजित नहीं करने पर सहमत थे।
जोशी ने कहा कि कम से कम 30 मिनट का शून्यकाल होगा। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और भाकपा सहित कई विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रश्नकाल स्थगित करने के फैसले की आलोचना की है और सरकार पर आरोप लगाया है कि वह कोविड-19 महामारी के नाम पर लोकतंत्र की हत्या और संसद को एक नोटिस बोर्ड बनाने की कोशिश कर रही है।