फिल्म ‘गुमनामी’ पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिवार ने उठाए सवाल, कहा, इतिहास से खिलवाड़

Edited By prachi upadhyay,Updated: 30 Aug, 2019 01:20 PM

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नेशनल अवॉर्ड विजेता फिल्मकार श्रीजीत मुखर्जी की स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के लापता होने की कई कहानियों और अटकलों पर आधारित फिल्म ‘गुमनामी’ विवादों में घिर गई है। नेताजी के परिवार ने इसपर सवाल उठाते हुए कहा कि इस फिल्म में इतिहास के...

नेशनल डेस्क:  नेशनल अवॉर्ड विजेता फिल्मकार श्रीजीत मुखर्जी की स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के लापता होने की कई कहानियों और अटकलों पर आधारित फिल्म ‘गुमनामी’ विवादों में घिर गई है। नेताजी के परिवार ने इसपर सवाल उठाते हुए कहा कि इस फिल्म में इतिहास के साथ खिलवाड़ करते हुए नेताजी की छवि खराब करने की कोशिश की गई है। इतना ही नहीं नेताजी के परिवार ने फिल्ममेकर को नोटिस भी भेजा है। 14 अगस्त को इस फिल्म का ट्रेलर लॉन्च किया गया था और ये अक्टूबर में रिलीज होगी।

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बताया जा रहा है कि फिल्म में नेताजी को ही गुमनामी बाबा बताया गया है। इस फिल्म में गुमनामी बाबा और नेताजी को लेकर किए गए दावे अनुज धर की किताब से लिए गए हैं। जिसके मुताबिक,  नेताजी 1945 के बाद भी जिंदा थे और उन्होने अपना बाकी जीवन गुमनामी बाबा के रूप में बिताया। धर के मुताबिक उनके पास गुमनामी बाबा और नेताजी से जुड़े पुख्ता सबूत हैं, जो परिस्थितिजन्य, चश्मदीदों के बयान और फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स पर आधारित हैं। इतना ही नहीं धर के मुताबिक गुमनामी बाबा की हैंडराइटिंग भी नेताजी से मेल खाती है। उन्होने कहा कि जहां तक मेरी जानकारी है, गुमनामी बाबा ही नेताजी थे और तत्कालीन भारत सरकार यह बात जानती थी। नेताजी के परिवार के लोग भी इस बात से अच्छी तरह परिचित थे। वे इस बात का खुलासा नहीं करना चाहते थे, क्योंकि मुख्य धारा में गुमनामी बाबा की चर्चा होने से परिवार के सदस्यों को खतरा था।

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हालांकि नेताजी के प्रपौत्र और जाने-माने इतिहासविद सुगातो बोस का कहना है कि दुर्भाग्य से हम फेक न्यूज़ और फेक इतिहास, दोनों के युग में जी रहे हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि देश के लोग इतने समझदार होंगे जो देख सकें कि ये नेताजी के एक व्यक्ति के नाते, उनके स्वतंत्रता संघर्ष और असंख्य बलिदानों के इतिहास के साथ खिलवाड़ है। उन्होने कहा कि इस फिल्म के जरिए नेताजी की छवि को नुकसान पहुंचाया गया है।

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आपको बता दें कि स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु को लेकर हमेशा से विवाद रहा है। कहा जाता है कि 18 अगस्त 1945 को एक विमान दुर्घटना में उनका निधन हो गया था। लेकिन आजादी के बाद सरकार द्वारा जांच के लिए गठित कमेटी ने कहा था कि विमान दुर्घटना में नेताजी की मौत का कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला। जिसके बाद से कई बार कई लोगों ने उत्तर प्रदेश के फैजाबाद में रहनेवाले गुमनामी बाबा को ही नेताजी बताना शुरू कर दिया था।

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