Edited By ,Updated: 03 Feb, 2016 05:19 PM
मायानगरी मुंबई में जीआरपी की महिला पुलिस में तैनात नायक संगीता दुबे ने एक मनचले को फिल्मी स्टाईल में ऐसा सबक सिखाया कि आज लोग उन्हें 'लेडी सिंघम' कहने लगे हैं।
मुंबई: मायानगरी मुंबई में जीआरपी की महिला पुलिस में तैनात नायक संगीता दुबे ने एक मनचले को फिल्मी स्टाईल में ऐसा सबक सिखाया कि आज लोग उन्हें 'लेडी सिंघम' कहने लगे हैं।
दरअसल, एक युवक नशे में धुत होकर बेधड़क महिला बोगी में चढ़ गया और पास बैठी तीन महिलाओं को छेडख़ानी करने लगा। उसने एक महिला के कपड़े फाडऩे की कोशिश की तो एक के बाल पकड़कर धक्का दे दिया। मनचले की बदसलूकी से पूरे डिब्बे में हड़कंप मच गया। वहीं जब इसकी खबर संगीता दुबे को पता लगी तो उन्होंने इस मनचले की जमकर धुनाई की।
संगीता के मुताबिक वादी बुंदेर स्थित जीआरपी के हेड ऑफिस में उन्हें रोजाना फाइलें आदि लेकर जाना होता है। जिसके चलते वो मुंबई के दहानू से चर्चगेट जाने वाली फास्ट लोकल ट्रेन के सेंकेंड क्लास में वसई रोड से चढ़ी थीं। लेकिन जैसे ही ट्रेन ने बोरीवली स्टेशन को पार किया तो उन्हें फस्र्ट क्लास में कुछ हलचल सुनाई दी।
आरोपी ने तीनों में एक महिला के कपड़े खींचने की कोशिश की तो एक महिला के बाल खींचकर उसे धक्का दे दिया। आरोपी की इस हरकत से तीनों महिलाएं सहम गई। लेकिन बोगी में सफर कर रही दूसरी महिलाओं ने विरोध शुरू कर दिया। इस पर आरोपी हिंसक हो गया और एक महिला पर हमला बोल दिया।
दूसरी बोगी में सफर कर रही जीआरपी की संगीता को जब माजरा पता चला तो उन्होंने पीड़ित महिलाओं से कहा कि वो कैसे भी करके मनचले को दो बोगियों के पास वाले ज्वाइंट पर लाएं। राजेश जिस महिला के कपड़े फाडऩे की कोशिश कर रहा था उसने राजेश को धक्का दिया जिससे वो ज्वाइंट के पास आ गया। संगीता ने फौरन लोहे की रॉड का सहारा लेकर राजेश को धर दबोचा। चलती ट्रेन में खतरा देखते हुए पीड़ित महिला ने देर न करते हुए अपना स्कार्फ निकाला और मनचले को लोहे की रॉड से बांध दिया।
संगीता और पीड़ित महिला ने आरोपी राजेश को अंधेरी स्टेशन में ट्रेन के रुकने तक दबोचे रखा। जहां जीआरीपी स्टाफ ने आरोपी को उसके असल ठिकाने यानी सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। इस दौरान संगीता की एक बांह पर भी चोट के निशान भी आए।