Edited By Parveen Kumar,Updated: 18 Apr, 2025 07:57 PM
लखनऊ में शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने वक्फ कानून में किए जा रहे बदलावों पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि सरकार इस कानून के ज़रिए वक्फ की ज़मीनों पर स्थायी कब्जा करना चाहती है।
नेशनल डेस्क : लखनऊ में शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने वक्फ कानून में किए जा रहे बदलावों पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि सरकार इस कानून के ज़रिए वक्फ की ज़मीनों पर स्थायी कब्जा करना चाहती है।
मौलाना ने कहा कि यह कानून सिर्फ मुसलमानों की नहीं, बल्कि हर धर्म की वक्फ संपत्तियों के लिए खतरा है। उन्होंने लखनऊ के इंद्रा भवन और जवाहर भवन का ज़िक्र करते हुए बताया कि ये इमारतें वक्फ की ज़मीन पर बनी हैं, जिन्हें पहले कांग्रेस और अब बीजेपी इस्तेमाल कर रही है।
मौलाना के अनुसार, देश की 80 प्रतिशत वक्फ ज़मीनों पर सरकार का कब्जा है और मुसलमानों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर वक्फ संपत्तियों का सही इस्तेमाल होता, तो मुसलमानों की शिक्षा और रोजगार की हालत बेहतर हो सकती थी।
हुसैनाबाद ट्रस्ट को लेकर भी उन्होंने सवाल उठाए। उनका कहना है कि पिछले 24 सालों से यह ट्रस्ट जिलाधिकारी (डीएम) के नियंत्रण में है, लेकिन ट्रस्ट की आमदनी का कोई फायदा मुसलमानों को नहीं मिलता। उन्होंने आरोप लगाया कि इमामबाड़े की कीमती चीजें भी डीएम की देखरेख में बेच दी गईं।
मौलाना ने कांग्रेस पर भी हमला बोला और कहा कि कांग्रेस ही मुसलमानों की सबसे बड़ी दुश्मन रही है और अब बीजेपी उसी की राह पर चल रही है। ‘मुसलमान पंचर बना रहे हैं’ वाली अपनी बात पर सफाई देते हुए मौलाना ने कहा कि यह किसी धर्म के खिलाफ नहीं थी, बल्कि उन्होंने यह बताने के लिए कहा था कि मुसलमानों को उनके हक नहीं मिल पा रहे हैं और वो अब भी छोटी-मोटी नौकरियों तक सीमित हैं।
हाल ही में केंद्र सरकार ने वक्फ कानून में कुछ बदलावों का प्रस्ताव दिया है, जिसे कई मुस्लिम संगठनों ने गलत बताया है। मौलाना जव्वाद पहले से ही वक्फ संपत्तियों की हिफाजत और सही इस्तेमाल की मांग करते रहे हैं। उनकी इस बात ने एक बार फिर वक्फ कानून और सरकार की नीयत पर सवाल खड़े कर दिए हैं।