Edited By Anil dev,Updated: 12 Jan, 2021 11:48 AM
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि आंदोलन कर रहे किसानो की मांग को लेकर सरकार की नीयत साफ नहीं है और किसान उसके इरादों को समझते हैं इसलिए सरकार की उन्हें समझाने की हर कोशिश नाकाम हो रही है। गांधी ने कहा कि किसान जानता है कि उन्हें...
नेशनल डेस्क: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि आंदोलन कर रहे किसानो की मांग को लेकर सरकार की नीयत साफ नहीं है और किसान उसके इरादों को समझते हैं इसलिए सरकार की उन्हें समझाने की हर कोशिश नाकाम हो रही है। गांधी ने कहा कि किसान जानता है कि उन्हें उलझाने की कोशिश की जा रही है और इसीलिए वे भी अपनी मांग माने बिना घर लौटने को तैयार नहीं है।
उन्होंने कहा , ‘‘ सरकार की सत्याग्रही किसानों को इधर-उधर की बातों में उलझाने की हर कोशिश बेकार है। अन्नदाता सरकार के इरादों को समझता है; उनकी मांग साफ़ है --कृषि-विरोधी क़ानून वापस लो, बस।'' इस बीच कांग्रेस का युवा संगठन युवक कांग्रेस आज यहां कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के आवास का घेराव कर सरकार पर किसानों की बात मानने के लिए दबाव बना रही है।
इससे पहले भी राहुल गांधी ने कहा था कि केंद्र सरकार की उदासीनता एवं अहंकार के कारण किसान आंदोलन के दौरान 60 से अधिक किसानों की जान जा चुकी है। उन्होंने ट्वीट किया, मोदी सरकार की उदासीनता और अहंकार ने 60 से अधिक किसानों की जान ले ली। किसानों के आंसू पोंछने के बजाय यह सरकार उन पर आंसू गैस के गोले छोड़ रही है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, इस तरह की क्रूरता सांगगांठ वाले पूंजीपतियों के हितों को बढ़ावा देने के लिए है। राहुल गांधी ने कहा था कि तीनों कानूनों को निरस्त किया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि अपनी मांगों को लेकर हजारों किसान दिल्ली के निकट पिछले करीब डेढ़ महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान संगठनों की मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी दी जाए। सरकार का कहना है कि ये कानून कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के कदम हैं और इनसे खेती से बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी तथा किसान अपनी उपज देश में कहीं भी बेच सकेंगे। किसान संगठनों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत के बावजूद अब तक गतिरोध पूरी तरह खत्म नहीं हो पाया है।