Edited By Pardeep,Updated: 23 Dec, 2020 05:05 AM
तीन कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए जब गत शुक्रवार को 5 विपक्षी नेता राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिले, तब ऐसी खबरें आई थीं कि कांग्रेसी नेता राहुल गांधी और राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एन.सी.पी.) अध्यक्ष शरद पवार में प्राइवेट मीटिंग हुई थी, लेकिन...
नई दिल्लीः तीन कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए जब गत शुक्रवार को 5 विपक्षी नेता राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिले, तब ऐसी खबरें आई थीं कि कांग्रेसी नेता राहुल गांधी और राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एन.सी.पी.) अध्यक्ष शरद पवार में प्राइवेट मीटिंग हुई थी, लेकिन सच्चाई यह है कि ऐसी कोई बैठक नहीं हुई।
सच तो यह है कि राष्ट्रपति को संयुक्त ज्ञापन सौंपने के लिए राष्ट्रपति भवन आने तक दोनों नेताओं की एक-दसरे से मुलाकात भी नहीं हुई थी। राहुल गांधी पवार की उस चिट्ठी को लेकर बहुत अधिक परेशान थे, जिसमें उन्होंने राहुल को ‘अस्थिर’ बताया है। यह कटाक्ष राहुल को जरा भी पसंद नहीं आया, लेकिन वह किसानों को लेकर विपक्ष की सामूहिक चिंता में भी शामिल होना चाहते थे। इसके लिए वह विशेष रूप से गोवा से दिल्ली आए थे ताकि राष्ट्रपति से मुलाकात के समय वह मौजूद रहें।
राहुल गांधी और शरद पवार केवल उस समय आमने-सामने आए जब वे राष्ट्रपति भवन की बैठक में राष्ट्रपति के आने का इंतजार कर रहे थे। वे एक-दूसरे को देखकर मुस्कुराए और एक-दूसरे को राम-जुहारी की और शरद पवार ने राहुल को बताया कि उन्होंने सोनिया जी के जन्मदिन पर उन्हें फोन किया था। इसके अलावा न तो दोनों ने हाथ मिलाया और न ही दोनों में कोई राजनीतिक वार्ता हुई।
बैठक में तो इन दोनों के अलावा माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा महासचिव डी. राजा और डी.एम.के. के के.टी.एस. एलनगोवान समेत पांचों नेता ये बतिया रहे थे कि अगले क्षण राष्ट्रपति के आने पर उनसे क्या कहा जाएगा। राष्ट्रपति से मुलाकात के तुरंत बाद शरद पवार मुंबई लौट गए और राहुल गांधी से उनकी कोई प्राइवेट बातचीत नहीं हो सकी।