अमरीका जाने के लिए अब ज्यादा नहीं करना पड़ेगा इंतजार, लेकिन अब चुकानी होगी भारी वीजा फीस

Edited By Updated: 05 Apr, 2024 09:22 AM

now you will not have to wait much to go to america

भारत में दिल्ली स्थित अमरीकी दूतावास ने अपनी वीजा अपॉइंटमेंट प्रक्रियाओं में बदलाव किए हैं, ताकि अमरीका में आने वाले भारतीयों को जल्द वीजा मिल सके। अमरीका के राजदूत गार्सेटी  कि राष्ट्रपति जो बाइडन ने उन्हें भारत में वीजा के लिए प्रतीक्षा समय को कम...

नेशनल डेस्क: भारत में दिल्ली स्थित अमरीकी दूतावास ने अपनी वीजा अपॉइंटमेंट प्रक्रियाओं में बदलाव किए हैं, ताकि अमरीका में आने वाले भारतीयों को जल्द वीजा मिल सके। अमरीका के राजदूत गार्सेटी  कि राष्ट्रपति जो बाइडन ने उन्हें भारत में वीजा के लिए प्रतीक्षा समय को कम करने का आदेश दिया है। उन्होंने ने यह भी कहा कि ग्रीन कार्ड बैकलॉग का मुद्दा भी एक बड़ी समस्या है और जल्द ही इसका भी समाधान हो जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि इस आदेश से प्रतीक्षा समय में 75 प्रतिशत की कमी आएगी। वहीं दूसरी और अमरीका ने कई वीजा श्रेणियों के आवेदनों की फीस में भारी इजाफा किया है।

अमरीका में बढ़ रही है भारतीय छात्रों की संख्या
अमरीका के राजदूत ने कहा कि बात चाहे अप्रवासियों की हो, ग्रीन कार्ड की हो या स्थाई नागरिकता लेने वाले लोगों की हो, अमरीका में भी सभी देशों की तरह किसी भी काम के लिए कुछ विधायी सीमाएं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ये मानक भारतीयों के लिए निराशाजनक हैं क्योंकि बहुत सारे भारतीय हैं जो अमरीका जाना चाहते हैं। गार्सेटी ने बताया कि अमेरिका का वीजा लेने वाले छात्रों की संख्या के मामले में भारत मैक्सिको के बाद दूसरे स्थान पर है। साल 2023 में 245,000 से अधिक भारतीय छात्र वीजा लेकर अमरीका आए थे।

तीन तरह के वीजा फीस में बढ़ोतरी
उधर दूसरी ओर अमरीका जाने के लिए एच-1बी, एल-1 और ई.बी.-5 वीजा की आवेदन की फीस में बढ़ोतरी की गई है। ये सभी गैर-आप्रवासी वीजा कैटेगरी में आते हैं। एच-1बी विदेशी प्रतिभाओं को अमरीकी कंपनियों में काम करने की अनुमति देता है। वहीं, एल-1 कंपनी के अंदर ही देश बदलकर ट्रांसफर होने वाले कर्मचारियों के लिए होता है। ई.बी.-5  इन्वेस्टमेंट के जरिए अमरीका में रहने का रास्ता देता है। अमरीका आने वाले भारतीयों में ज्यादातर लोग एच-1बी, एल-1 और ई.बी.-5 वीजा का ही सहारा लेते हैं।

एच-1बी वीजा के लिए देने होंगे 64 हजार रुपए
अगर आप  एच-1बी वीजा के लिए अप्लाई करना चाहते हैं, तो इसके लिए फॉर्म I-129 लगता है। इसकी मौजूदा फीस 460 अमरीकी डॉलर (लगभग 38,000 रुपए) है, जो बढ़कर 780 अमेरिकी डॉलर (64,000 रुपए से ज्यादा) हो जाएगी। इसके अलावा, एच-1बी रजिस्ट्रेशन फीस भी बढ़ने वाली है। अभी ये 10 डॉलर (लगभग 829 रुपए) है, जो अगले वित्तीय वर्ष से 215 डॉलर (लगभग 17 हजार रुपए) हो जाएगी। एल-1 वीजा की फीस 460 अमेरिकी डॉलर (लगभग 38 हजार रुपए) है, जो 1 अप्रैल से बढ़कर 1385 अमेरिकी डॉलर (लगभग 1 लाख 10 हजार रुपए) हो जाएगी।  

ई.बी.-5 वीजा की फीस अब 9 लाख रुपए
इसी तरह ई.बी.-5 वीजा को निवेशक वीजा शुल्क के रूप में भी जाना जाता है। मौजूदा समय में ई.बी.-5 के लिए 3,675 डॉलर (करीब 3 लाख रुपए) का भुगतान करना पड़ता है। 1 अप्रैल से यह बढ़कर 11,160 डॉलर (करीब 9 लाख रुपए) हो जाएगा। ई.बी.-5 वीजा को 1990 में अमरीकी सरकार की ओर से शुरू किया गया था। इस नियम के तहत किसी भी देश का शख्स अमरीकी व्यवसाय में कम से कम 5 लाख यू.एस. डॉलर का निवेश करते हुए अपने साथ-साथ अपने परिवार के लिए वहां का वीजा हासिल कर सकता है। 

 

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