PM मोदी आज वैश्विक निवेशक सम्मेलन की करेंगे अध्यक्षता

Edited By Pardeep,Updated: 05 Nov, 2020 05:08 AM

pm modi will preside over global investor conference today

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बृहस्पतिवार को देश में विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए एक आभासी वैश्विक निवेशक सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। सम्मेलन में दुनिया के विभिन्न देशों के 20 शीर्ष संस्थागत निवेशकों के प्रमुखों के भाग लेने की उम्मीद है। गोलमेज...

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बृहस्पतिवार को देश में विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए एक आभासी वैश्विक निवेशक सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। सम्मेलन में दुनिया के विभिन्न देशों के 20 शीर्ष संस्थागत निवेशकों के प्रमुखों के भाग लेने की उम्मीद है। गोलमेज सम्मेलन में भारत के आर्थिक और निवेश परिदृश्य, ढांचागत क्षेत्र के सुधारों और भारत को 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के सरकार के दृष्टिकोण जैसे मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। 
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आर्थिक मामलों के सचिव तरुण बजाज ने कार्यक्रम का ब्योरा जारी करते हुए कहा, ‘‘सम्मेलन में दुनिया के सरकारी कोषों और पेंशन कोषों सहित सभी प्रमुख वैश्विक निवेशक भाग ले रहे हैं। आभासी सम्मेलन में भाग लेने वाले निवेशकों से भागीदारी को लेकर उनकी स्वीकृति हमें प्राप्त हुई है।'' उन्होंने कहा कि सम्मेलन में भाग लेने वाले इन कोषों के प्रबंधनाधीन संपत्ति 6,000 अरब डालर से भी अधिक है। गोलमेज सम्मेलन में भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास के अलावा देश के प्रमुख उद्यमी, वित्तीय बाजारों के नियामकों द्वारा किया जाएगा। 

वैश्विक संस्थागत निवेशकों में अमेरिका, यूरोप, कनाडा, दक्षिण कोरिया, जापान, पश्चिम एशिया, आस्ट्रेलिया और सिंगापुर सहित दुनिया के प्रमुख क्षेत्रों के वैश्विक संस्थागत निवेशक भाग लेंगे। इनमें से कुछ निवेशक तो पहली बार भारत सरकार के साथ विचार विमर्श करेंगे। कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रमुख निवेशकों में तेमासेक, आस्ट्रेलियम सुपर, सीडीपीक्यू, सीपीपी इनवेस्टमेंट्स, जीआईसी, फ्यूचर फंड, जापान पोस्ट बैंक और जापान बैंक फॉर इंटरनेशनल का-आपरेशन शामिल होंगे। इसके अलावा कोरियन इन्वेस्टमें कार्पोरेशन, निपॉन लाइफ, मुबाडाला इन्वेस्टमेंट्स कंपनी, आंत्रियो टीचर्स टीचर्स रिटायरमेंट टैक्सास और पेंशन डेनमार्क भी शामिल हैं।

दुनिया के इन प्रमुख संस्थागत कोषों के अलावा भारत की तरफ से छह प्रमुख उद्योगपति इसमें भाग लेंगे। एचडीएफसी के दीपक पारेख, सन फर्मा के दिलीप सांघवी, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के मुकेश अंबानी, इनफोसिस के नंदन नीलेकेणि, टाटा समूह से रतन टाटा और कोटक महिन्द्रा बैंक के उदय कोटक सम्मेलन में अपने अनुभव साझा करेंगे। 

बजाज ने कहा कि इस पूरी कवायद के पीछे निवेशकों को भारत में उपलब्ध निवेश संभावनाओं के बारे में जानकारी देना है। उन्हें भारत के मौजूदा आर्थिक स्थिति और उनके लिये उपलब्ध संभावनाओं के बारे में जानकारी दी जायेगी। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से दुनिया के अग्रणी निवेशकों और भारतीय उद्योगपतियों को आपस में एक दूसरे से मिलने और नीतियों के बारे में जानकारी प्राप्त होगी। भारत में अंतरराष्ट्रीय निवेश को किसी प्रकार से और बढ़ाया जा सकता है इसके बारे में सीधे नीति निर्माताओं के साथ चर्चा कर सकेंगे। 

बजाज ने कहा, ‘‘यदि उनकी कोई चिंता होगी, हम उसे देखेंगे और जवाब देने का भी प्रयास करेंगे। मैं आपसे यह भी कहना चाहता हूं कि हम इन कोषों के साथ पिछले पांच- छह महीने से बातचीत कर रहे हैं। इस बातचीत के आधार पर हमने कई काम शुरू किये हैं।'' पहले की बातचीत के आधार पर ही सरकार ने लाभांश वितरण कर को समाप्त किया है और सरकारी संपत्ति कोषों तथा पेंशन कोषों को कुछ शर्तों के साथ कर छूट का लाभ दिया है। देश में चालू वित्त वर्ष में अब तक विदेशी निवेश 35.7 अरब डालर रहा है जो कि किसी भी वर्ष के पहले पांच माह में अब तक का सर्वाधिक निवेश है। पिछले साल के तुलना में यह 13 प्रतिशत अधिक रहा है।
 

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