राष्ट्रपति कोविंद ने स्वीकार किया हरसिमरत कौर का इस्तीफा, नरेंद्र तोमर को सौंपा गया प्रभार

Edited By Seema Sharma,Updated: 18 Sep, 2020 08:36 AM

president accepts harsimrat kaur resignation

शिरोमणि अकाली दल (SAD) की नेता एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कृषि से जुड़े तीन विधेयकों के विरोध में गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सलाह के बाद भारत के राष्ट्रपति रामनाथ...

नेशनल डेस्कः शिरोमणि अकाली दल (SAD) की नेता एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कृषि से जुड़े तीन विधेयकों के विरोध में गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सलाह के बाद भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कैबिनेट मंत्रिमंडल से हरसिमरत कौर के इस्तीफे को तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है। राष्ट्रपति ने केंद्रीय मंत्री परिषद से हरसिमरत का इस्तीफा संविधान के अनुच्छेद 75 के खंड (2) के तहत स्वीकार किया है। राष्ट्रपति ने निर्देश दिया कि कैबिनेट मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को उनके मौजूदा विभागों के अलावा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय का प्रभार भी सौंपा जाए।

PunjabKesari

इस्तीफा देने से पहले हरसिमरत कौर ने लोकसभा में इन विधेयकों के पारित होने से महज कुछ ही घंटे पहले ट्वीट किया कि मैंने किसान विरोधी अध्यादेशों और विधेयकों के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। किसानों की बेटी और बहन के तौर पर उनके साथ खड़े होने पर गर्व है। उनका इस्तीफा शिरोमणि अकाली दल (SAD) प्रमुख एवं उनके पति सुखबीर सिंह बादल द्वारा लोकसभा में विधेयकों को लेकर किए गए कड़े विरोध के बाद आया। बादल ने लोकसभा में विधेयकों का विरोध करते हुए कहा कि ये (विधेयक) पंजाब में कृषि क्षेत्र को तबाह कर देंगे। साथ ही, उन्होंने यह भी घोषणा की कि इसके विरोध में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल सरकार से इस्तीफा देंगी।

PunjabKesari

हरसिमरत कौर ने प्रधानमंत्री को लिखे चार पृष्ठों के अपने पत्र में कहा कि उनके लगातार तर्क करने और उनकी पार्टी की बार-बार की कोशिशों के बावजूद केंद्र सरकार ने इन विधेयकों पर किसानों का विश्वास हासिल नहीं किया। बता दें कि केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल मोदी सरकार में अकाली दल की एकमात्र प्रतिनिधि थी। अकाली दल, भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी है। यह घटना इन प्रस्तावित कानूनों के जरिए केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे कृषि सुधारों को लेकर शिअद और भाजपा के बीच संबंधों में आए तनाव को प्रदर्शित करती है।

PunjabKesari

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!