राजमाता सिंधिया की 101वीं जयंती- PM मोदी ने जारी किया 100 रुपए का सिक्का

Edited By Seema Sharma,Updated: 12 Oct, 2020 01:07 PM

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजमाता विजयाराजे सिंधिया की जन्मशती के अवसर पर आज 100 रुपए का स्मारक सिक्का जारी किया। प्रधानमंत्री ने स्मारक सिक्का जारी करते हुए राजमाता के साथ रथयात्रा और एकता यात्रा के दौरान के अपने अनुभवों के बारे में बताया।...

नेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजमाता विजयाराजे सिंधिया की जन्मशती के अवसर पर आज 100 रुपए का स्मारक सिक्का जारी किया। प्रधानमंत्री ने स्मारक सिक्का जारी करते हुए राजमाता के साथ रथयात्रा और एकता यात्रा के दौरान के अपने अनुभवों के बारे में बताया। उन्होंने कहाकि ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे राजमाता की स्मृति में यह विशेष स्मारक सिक्का जारी करने का अवसर मिला है। कोरोना के कारण भले ही यह कार्यक्रम भव्य नहीं है लेकिन यह दिव्य जरूर है। पिछली शताब्दी में देश को दिशा देने वाले चंद लोगों में राजमाता भी शामिल थीं। वह सिर्फ वात्सल्य की मूर्ति नहीं थीं, बल्कि वह एक निर्णायक नेता थीं और कुशल प्रशासक थीं। स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर आजादी के इतने दशकों तक भारतीय राजनीति के हर अहम पड़ाव की वह साक्षी रहीं।

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पीएम मोदी ने कहा कि आजादी से पहले विदेशी वस्त्रों की होली जलाने से लेकर आपातकाल और राममंदिर आंदोलन तक राजमाता के अनुभवों का व्यापक विस्तार रहा है। राजमाता की जीवनयात्रा और उनके जीवन संदेश को देश की मौजूदा पीढ़ी भी जाने और उनसे प्रेरणा ले इसीलिए उनके बारे में और उनके अनुभवों के बारे में बार -बार बात करना आवश्यक है।

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पीएम मोदी ने कहा कि विवाह से पहले वह किसी राजपरिवार से संबंधित नहीं थी लेकिन विवाह के बाद उन्होंने सबको अपनाया और पाठ भी पढ़ाया कि कोई भी साधारण से साधारण से व्यक्ति इस लोकतंत्र में सत्ता को सेवा का माध्यम बना सकता है। उनके पास सत्ता थी, संपत्ति थी और सामर्थ्य भी था लेकिन इनसे बढ़कर उनके पास जो अमानत थी, वह थी संस्कार, सेवा और स्नेह की सरिता। ये सोच और ये आदर्श, उनके जीवन के हर कदम पर देखे जा सकते हैं।

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राजमाता ने यह साबित किया कि जनप्रतिनिधि के लिए जनसेवा सबसे महत्वपूर्ण है। वह राजपरिवार की थीं लेकिन उन्होंने लोकतंत्र के लिए संघर्ष किया। आपातकाल के दौरान उन्होंने जो-जो सहा, वह सर्वविदित है। उन्होंने अपने जीवन का महत्वपूर्ण कालखंड जेल में बिताया। राजमाता सिंधिया का जन्म 12 अक्तूबर 1919 को मध्यप्रदेश के सागर में हुआ था। राजमाता विजया राजे सिंधिया (मूल नाम लेखा देवीेश्वरी देवी) ग्वालियर की राजमाता के रूप में लोकप्रिय थी। वह एक प्रमुख भारतीय राजशाही व्यक्तित्व के साथ-साथ एक राजनीतिक व्यक्तित्व की भी थी।

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ऐसा है यह सिक्का
राजमाता के नाम से जारी किए गए सिक्के पर एक तरफ उनके जन्म का साल लिखा हुआ है तो दूसरी तरफ अशोक स्तंभ बना हुआ है। स्तंभ के दोनों तरफ हिंदी और अंग्रेजी में भारत लिखा हुआ है, जबकि एक तरफ हिंदी और अंग्रेजी में राजमाता सिंधिया की जन्मशताब्दी अंकित है। बता दें कि 100 रुपए का सिक्का जारी होते ही सिंधिया घराना प्रदेश का पहला ऐसा घराना बन गया है जिसके लिए राज्य सरकार ने सिक्का जारी किया है।

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