नहीं थम रही बेजुबानों के साथ बर्बरता के मामले, SC ने  13 राज्यों से मांगा जवाब

Edited By vasudha,Updated: 10 Jul, 2020 04:44 PM

seeks response from 13 states for vandalism with animals

उच्चतम न्यायालय ने जंगली पशुओं को भगाने के लिये प्रचलित बर्बर तरीकों को गैरकानूनी और असंवैधानिक बताते हुये इन पर रोक के लिये दायर याचिका पर शुक्रवार को केन्द्र और 13 राज्यों को नोटिस जारी किये। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति आर सुभाष...

नेशनल डेस्क: उच्चतम न्यायालय ने जंगली पशुओं को भगाने के लिये प्रचलित बर्बर तरीकों को गैरकानूनी और असंवैधानिक बताते हुये इन पर रोक के लिये दायर याचिका पर शुक्रवार को केन्द्र और 13 राज्यों को नोटिस जारी किये। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से इस मामले की सुनवाई के दौरान केन्द्र और केरल सहित 13 राज्यों को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है। 

 

यह याचिका अधिवक्ता सुभम अवस्थी ने दायर की है। इसमें केरल में एक हाथी के साथ हुयी घटना का जिक्र करते हुये ऐसे मामलों से निबटने के लिये दिशा निर्देश जारी करने का अनुरोध किया गया है। याचिका में देश भर में वन रक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्तियां करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है। याचिका में वन्यजीवों को भगाने के लिये फंदा डालने, जाल बिछाने और विस्फोटक सामग्री का इस्तेमाल करने जैसे बर्बर तरीकों को गैरकानूनी, असंवैधानिक और संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन करने वाला घोषित करने का अनुरोध किया गया है। 

 

याचिका में केरल में 27 मई को एक गर्भवती हथिनी की दर्दनाक मृत्यु की घटना का जिक्र किया गया है। इस हादसे में जान गंवाने वाली हथिनी को कुछ स्थानीय लोगों ने कथित रूप से पटाखों से भरा अनानास खिला दिया था। अनानास में भरे पटाखों के विस्फोट से हथिनी बुरी तरह जख्मी हो गयी थी। याचिका में केरल के साथ ही आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक, मेघालय, नगालैंड, ओडिशा, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल को पक्षकार बनाया गया है।

 

याचिका के अनुसार, दुनिया के अनेक देशों ने वन्यजीवों को भगाने के लिये इस तरह के तरीके अपनाने पर प्रतिबंध लगा दिया है या इनके इस्तेमाल को बहुत ही सीमित कर दिया है। लेकिन भारत में कानून के माध्यम से सुधार के प्रावधानों के बावजूद, नागरिकों और वन्यजीवों के मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है।
 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!