Edited By shukdev,Updated: 25 Feb, 2019 06:08 PM
पिछले साल भारत-चीन सीमा के पास आग दुर्घटना में मारे गए सेना के मेजर प्रसाद महादिक की पत्नी सशस्त्र बल (SSB) में शामिल होने के लिए तैयार हैं। 30 दिसंबर 2017 को अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले में एक आग दुर्घटना में मेजर प्रसाद की मृत्यु हो गई थी। उनकी...
नई दिल्ली: पिछले साल भारत-चीन सीमा के पास आग दुर्घटना में मारे गए सेना के मेजर प्रसाद महादिक की पत्नी सशस्त्र बल (SSB) में शामिल होने के लिए तैयार हैं। 30 दिसंबर 2017 को अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले में एक आग दुर्घटना में मेजर प्रसाद की मृत्यु हो गई थी। उनकी पत्नी गौरी प्रसाद महादिक विधवा श्रेणी में सेवा चयन बोर्ड (SSB) को क्लियर कर इस अप्रैल में चेन्नई में भारतीय सेना के अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (OTA) में शामिल होने के लिए तैयार हैं। वह 49 सप्ताह के प्रशिक्षण से गुजरेंगी।
अकादमी में एक साल की अनिवार्य सैन्य प्रशिक्षण पूरा करने के बाद 31 साल की गौरी को मार्च 2020 में सेना में लेफ्टिनेंट के रूप में शामिल किया जाएगा। गौरी ने एसएसबी परीक्षाओं के दौरान 16 उम्मीदवारों के साथ प्रतिस्पर्धा की और में टॉप किया और ओटीए में प्रशिक्षण के लिए योग्य बनीं। जानकारी के मुताबिक, गौरी को वॉर विडोज के लिए गैर-तकनीकी श्रेणी में लेफ्टिनेंट के रूप में नियुक्त किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि मेजर प्रसाद महादिक (31) साल 2017 के दिसंबर में अरुणाचल सीमा के चीन बॉर्डर पर गोला-बारूद के टैंक चेक करने के दौरान अचानक हुए विस्फोट में शहीद हो गए थे। गौरी महादिक एक योग्य कंपनी सचिव (सीएस) और वकील हैं।
वह मई 2017 से वर्ली में एक प्रतिष्ठित कानूनी फर्म के साथ काम कर रही हैं। उन्होंने इंडो-जर्मन चैंबर ऑफ कॉमर्स के साथ भी काम किया है। अब वह भारतीय सेना में शामिल होना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि मेरा सेना में शामिल होना मेरे पति को सबसे अच्छी श्रद्धांजलि होगी। गौरी की शादी साल 2015 में मेजर प्रसाद महादिक से हुई थी। वर्तमान में गौरी महाराष्ट्र स्थित विरार में अपने ससुराल में रहती हैं। पति के शहीद होने के बाद गौरी ने सेना में शामिल होने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी थी
परीक्षा में सफल होने के बाद 32 साल की मुंबई में विरार की रहने वाली गौरी महादिक जल्द ही भारतीय सेना में शामिल होंगी। उन्होंने इस उपलब्धि को अपने पति मेजर प्रसाद महादिक को श्रद्धांजलि करार दिया है। गौरी ने कहा, 'उनके निधन के 10 दिन बाद मैं सोच रही थी कि अब मुझे क्या करना चाहिए। मैंने फैसला किया कि मुझे उनके लिए कुछ करना है। इसलिए मैंने ये फैसला किया। मैं अगले साल चेन्नई में OTA में प्रशिक्षण के बाद लेफ्टिनेंट के रूप में सेना में शामिल होऊंगी।