रामायण की सीता और हनुमान भी रह चुके हैं सांसद, जनता ने रावण को चुना था राजा

Edited By Mahima,Updated: 03 Apr, 2024 09:36 AM

sita and hanuman of ramayana have also been mps

1987 में दूरदर्शन पर प्रसारित हुए धारावाहिक रामायण में भगवान् श्री राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल को भाजपा ने मेरठ सीट से मैदान में उतारा है लेकिन इसी सीरियल में सीता माता का किरदार निभाने वाली दीपिका चिखलिया और रावण का किरदार निभाने वाले...

नेशनल डेस्क: 1987 में दूरदर्शन पर प्रसारित हुए धारावाहिक रामायण में भगवान् श्री राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल को भाजपा ने मेरठ सीट से मैदान में उतारा है लेकिन इसी सीरियल में सीता माता का किरदार निभाने वाली दीपिका चिखलिया और रावण का किरदार निभाने वाले अरविन्द त्रिवेदी 1991 के चुनाव में ही सांसद बन चुके हैं। इतना ही नहीं रामायण में हनुमान का किरदार निभाने वाले दारा सिंह को भी भाजपा ने 2003 में राज्य सभा में भेजा था।

इसके अलावा महाभारत में भगवान् श्री कृष्ण का किरदार निभाने वाले नितीश भारद्वाज भी 1996 में भाजपा की ही टिकट पर जमशेदपुर सीट से से सांसद रहे हैं। महाभारत में द्रोपदी का किरदार निभाने वाली रूपा गांगुली भी मनोनीत कोटे से 2016 से लेकर 2022 के दौरान राज्य सभा की सदस्य रह चुकी है। मौजूदा समय में वह पश्चिम बंगाल भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष है। हालांकि अरुण गोविल को 1990 के चुनाव के दौरान कांग्रेस ने टिकट की पेशकश की थी लेकिन उस समय उन्होंने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था अब भाजपा प्रत्याशी के तौर पर वह मेरठ में वोटरों को सहयोग देने की मांग कर रहे हैं। 

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25 साल की उम्र में सांसद बनी थी दीपिका चिखालिया
जब दीपिका चिखलिया गुजरात से सांसद बनी उस वक्त उनकी उम्र महज 25 साल थी। उस वक्त उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता रंजीत सिंह गायकवाड़ को हराया था। 1991 के चुनाव में दीपिका को 49.98 फीसदी वोट मिले थे. उन्होंने रंजीत सिंह गायकवाड़ को 35 हजार से भी ज्यादा वोटों से हराया था। बाद में उन्होंने अपनी बेटी की देखभाल के लिए राजनीति छोड़ दी थी। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि चुनाव लड़ने के लिए कई पार्टियों से फोन आने के बावजूद उन्होंने भाजपा को चुना था। क्योंकि उनके दादा ने आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के लिए काम किया था।

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जनता ने 'रावण' को चुना राजा
रामायण में रावण का किरदार निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी ने 1991 में ही गुजरात के साबरकांठा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था, तब उनके कैंपेन का मुद्दा 'राम मंदिर' ही था। 90 के दशक की शुरुआत में यह मुद्दा अपने उरूज पर था. नतीजतन इस चुनाव में अरविंद त्रिवेदी की जीत हुई और सबसे दिलचस्प बात यह रही कि 1991 के चुनाव में अरविंद की टक्कर महात्मा गांधी के पोते राजमोहन गांधी से थी और उन्होंने यह चुनाव करीब 36 हजार वोट से जीत लिया था। 

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महाभारत के कृष्ण जमशेदपुर से पहुंचे थे संसद
महाभारत में भगवान् श्री कृष्ण का किरदार निभाने वाले नितीश भारद्वाज ने 1996 के चुनाव में जमशेदपुर सीट पर जनता दल के उम्मीदवार इंद्र सिंह नामधारी को हराया था। उन्हें इस चुनाव के दौरान 221702 वोट हासिल हुए थे जबकि इन्द्र सिंह नामधारी महज 166565 वोट ही हासिल कर सके थे। 1999 के लोक सभा चुनाव के दौरान वह राजगढ़ लोकसभा सीट से मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्य मंत्री दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह से चुनाव हार गए थे। इस चुनाव के दौरान लक्ष्मण सिंह को 354,234 वोट हासिल हुए थे जबकि नितीश भारद्वाज 288,541 वोट ही हासिल कर सके।


 

 

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