Edited By vasudha,Updated: 12 Jun, 2020 03:09 PM
दिल्ली में कोरोना वायरस को लेकर हालत बिगड़ते जा रहे हैं। यहां स्थिति इतनी भयावह है कि हर 25 मिनट में एक मरीज की मौत हो रही है, जिसे लेकर सर्वोच्च अदालत ने चिंता व्यक्त की है। कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा कि दिल्ली में टेस्टिंग...
नेशनल डेस्क: दिल्ली में कोरोना वायरस को लेकर हालत बिगड़ते जा रहे हैं। यहां स्थिति इतनी भयावह है कि हर 25 मिनट में एक मरीज की मौत हो रही है, जिसे लेकर सर्वोच्च अदालत ने चिंता व्यक्त की है। कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा कि दिल्ली में टेस्टिंग कम क्यों हो गई है।
कोर्ट ने शवों की हो रही दुर्गति को लेकर सवाल किया कि यह देश में क्या हो रहा है। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, बावजूद इसके यहां टेस्ट कम क्यों हो रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के साथ जिस तरह का व्यवहार हो रहा है, वह दुखद है।
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार की ओर से शवों को लेकर गाइडलाइन्स जारी की गई हैं। मरीजों के इलाज को लेकर सरकारों के द्वारा काम किया जा रहा है, लेकिन कल जो देखा गया वो काफी भयावह था। कोर्ट ने कहा कि चेन्नई और मुंबई में टेस्टिंग बढ़ा दी गयी है, लेकिन दिल्ली में इसे क्यों नहीं बढ़ाया गया है।
अदालत ने उन विडियो का भी जिक्र किया जिसमें मरीज रो रहे हैं और कोई उन्हें देखने वाला नहीं है। अदालत ने कहा कि ये बहुत ही दुखदाई स्थिति है। ये सवाल है कि दिल्ली सरकार कोरोना टेस्ट को कम कर रही है। क्या सरकार बनावटी फिगर चाहती है। कैसे टेस्ट को कम किया गया? राज्य की ड्यूटी है कि वह टेस्टिंग को बढ़ाए। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और बंगाल को नोटिस जारी कर दिया है।