प्लेन हादसे में बाल-बाल बचा...अब 45 साल बाद अपने परिवार से मिलेगा यह 70 साल का शख्स

Edited By Seema Sharma,Updated: 25 Jul, 2021 03:40 PM

survived in plane accident man will meet his family after 45 years

दुबई से लौट रहा इंडियन एयरलाइंस का विमान 12 अक्तूबर 1976 को क्रैश हो गया था। इस प्लेन क्रैश में सारे यात्री मारे गए थे। सज्जाद थांगल नाम का शख्स भी इस विमान में उस दिन सफर करने वाला था लेकिन जरूरी काम के कारण ऐन मौके पर उनको अपनी फ्लाइट रद्द करनी...

नेशनल डेस्क: दुबई से लौट रहा इंडियन एयरलाइंस का विमान 12 अक्तूबर 1976 को क्रैश हो गया था। इस प्लेन क्रैश में सारे यात्री मारे गए थे। सज्जाद थांगल नाम का शख्स भी इस विमान में उस दिन सफर करने वाला था लेकिन जरूरी काम के कारण ऐन मौके पर उनको अपनी फ्लाइट रद्द करनी पड़ी। केरल निवासी थांगल के कई परिचित इस विमान हादसे का शिकार हो गए थे जिसके बाद उनको गहरा सदमा लगा था। सदमे के कारण थांगल की स्थिति अच्छी नहीं थी और वो एक लावारिस हाल में जिंदगी गुजार रहे थे लेकिन अब वह 70 साल की उम्र में अपने परिवार से मिलने वाले हैं। थांगल उस विमान हादसे के बाद मुंबई लौट आए थे। यहां पनवेल में कुछ सामाजिक कार्यकर्त्ताओं ने उन्हें सहारा दिया। सोशल एंड इवैन्जेलिकल असोसिएशन फॉर लव (SEAL) आश्रम के पादरी के. एम. फिलीप ने बताया कि सज्जाद थांगल 70 के दशक में दुबई और आबूधाबी में कार्यक्रम का आयोजन कराते थे।

 

दक्षिण भारत की एक्ट्रेस रानी चंद्रा और अन्य लोग ऐसे ही एक प्रोग्राम में गए हुए थे। लौटते वक्त कानी चंद्रा सहित अन्य लोगों की क्रैश में जान चली गई। थांगल के दोस्त की भी इस हादसे में मौत हो गई जिसके बाद सज्जाद पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस का शिकार हो गए थे यानि कि उनको मानसिक समस्या हो गई थी। मुंबई में काफी दिनों तक उन्होंने वीजा और पासपोर्ट के फॉर्म भरने, कैटरिंग लाइन में नौकरी आदि भी की। साल 2019 में बीमारी और उनके बुढ़ापे को देखते हुए उन्हें शेल्टर होम भेज दिया गया, जहां वह काफी तेजी से रिकवर हुए और वहां लोगों को अपनी कहानी सुनाई। शेल्टर होम के अधिकारियों ने जब केरल के कोल्लम जिले के शाशथमकोट्टा गांव में थांगल के परिजन के बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि उनकी 91 साल की मां फातिमा बीबी और भाई-बहन हैं।

 

थांगल की मां ने अधिकारियों को रोते हुए बताया कि वे लोग आजतक उसके लौटने का इंतजार कर रहे थे क्योंकि प्लेन क्रैश की लिस्ट में थांगल का नाम नहीं था। थांगल क पिता की 2012 में मौत हो गई। अब परिवार में मां के अलावा तीन भाई और चार बहनें हैं। वहीं थांगल ने अपनी कहानी सुनाते हुए बताया कि 1971 में वह दुबई गए थे जहां एक दुकान पर काम करने के बाद वहां रहने वाले भारतीयों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करने लगे। थांगल ने कहा कि प्लेन क्रैश के कारण उनको काफी धक्का लगा क्योंकि इस हादसे में सबसे अच्छा दोस्त भी खो दिया और अन्य उनके कई जानकारों की मौत हो गई थी। घर लौटने के लिए थांगल के पास पैसे भी नहीं थे और धीरे-धीरे उनकी स्थिति और खराब होती चली गई। शेल्टर होम के पादरी फिलीप ने कहा कि अगर थांगल यहां नहीं आए होते तो शायद अपने परिवार से मिले बिना ही उनकी मौत हो गई होती।

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