Edited By vasudha,Updated: 14 Aug, 2021 02:34 PM
तालिबान ने शनिवार तड़के काबुल के दक्षिण में स्थित एक प्रांत पर कब्जा कर लिया और देश के उत्तर में स्थित अहम शहर मजार-ए-शरीफ पर चौतरफा हमला शुरू कर दिया। लोगार से सांसद होमा अहमदी ने बताया कि तालिबान ने पूरे प्रांत पर कब्जा कर लिया है, जिसमें उनकी...
इंटरनेशनल डेस्क: तालिबान ने शनिवार तड़के काबुल के दक्षिण में स्थित एक प्रांत पर कब्जा कर लिया और देश के उत्तर में स्थित अहम शहर मजार-ए-शरीफ पर चौतरफा हमला शुरू कर दिया। लोगार से सांसद होमा अहमदी ने बताया कि तालिबान ने पूरे प्रांत पर कब्जा कर लिया है, जिसमें उनकी राजधानी भी शामिल है और तालिबान शनिवार को पड़ोसी काबुल प्रांत के एक जिले में पहुंच गया। तालिबान राजधानी काबुल के दक्षिण में 80 किलोमीटर से भी कम दूरी पर पहुंच चुका है।
कई दिशाओं से हुआ हमला
अफगानिस्तान से अमेरिका की पूर्णतय: वापसी में तीन सप्ताह से भी कम समय शेष बचा है और ऐसे में तालिबान ने उत्तर, पश्चिम और दक्षिण अफगानिस्तान के अधिकतर हिस्सों पर कब्जा कर लिया है। इस बीच, उत्तरी बल्ख प्रांत में प्रांतीय गवर्नर के प्रवक्ता मुनीर अहमद फरहाद ने बताया कि तालिबान ने शनिवार तड़के शहर पर कई दिशाओं से हमला किया। इसके कारण इसके बाहरी इलाकों पर भीषण लड़ाई शुरू हो गई। उन्होंने हताहतों के बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी।
राष्ट्रपति अशरफ गनी ने की कमांडरों के साथ बैठक
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी शहर के बचाव की कोशिशों के तहत बुधवार को मजार-ए-शरीफ गए थे और उन्होंने सरकार से संबद्ध कई मिलिशिया कमांडरों के साथ बैठक की थी। तालिबान ने हालिया दिनों में तेजी से किए गए हमलों के बाद दक्षिणी अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है, जिसके कारण पूरे देश पर उसके कब्जे की आशंका बढ़ने लगी है। उसके तेजी से आगे बढ़ने के कारण पश्चिम- समर्थित सरकार का नियंत्रण काबुल और मजार-ए-शरीफ के साथ-साथ केवल मध्य एवं पूर्व में स्थित प्रांतों पर शेष रह गया है।
अमेरिका ने भेजे 3,000 कर्मी
विदेशी बलों की वापसी और वर्षों में अमेरिका से मिली सैकड़ों अरब डॉलर की मदद के बावजूद अफगानिस्तान से बलों के पीछे हटने के कारण यह आशंका बढ़ गई है कि तालिबान फिर से देश पर कब्जा कर सकता है या देश में गृह युद्ध की स्थिति पैदा हो सकती है। अफगानिस्तान में तालिबान के तेजी से पैर पसारने के बीच अमेरिकी दूतावास को आंशिक रूप से खाली करने में मदद करने के लिए अमेरिका की मरीन बटालियन का 3,000 कर्मियों का दस्ता शुक्रवार को यहां पहुंचा। शेष जवानों के रविवार को पहुंचने की संभावना है। हालांकि अतिरिक्त सैनिकों के अफगानिस्तान पहुंचने से यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या अमेरिका सैनिकों की वापसी का काम 31 अगस्त की समयसीमा के भीतर पूरा कर पाएगा या नहीं।
कंधार में एक रेडियो स्टेशन पर भी कब्जा
इस बीच, तालिबान ने शनिवार को कंधार में एक रेडियो स्टेशन पर कब्जा कर लिया। तालिबान ने एक वीडियो जारी किया जिसमें एक अज्ञात तालिबान ने शहर के मुख्य रेडियो स्टेशन को कब्जे में लेने की घोषणा की। रेडिया का नाम बदलकर ‘वॉइस ऑफ शरिया’ कर दिया गया है। उसने कहा कि सभी कर्मचारी यहां मौजूद हैं, वे समाचार प्रसारित करेंगे, राजनीतिक विश्लेषण करेंगे और कुरान की आयतें पढ़ेंगे। ऐसा लगता है कि स्टेशन पर अब संगीत नहीं बजाया जाएगा। तालिबान कई वर्षों से सचल रेडियो स्टेशन संचालित करता आ रहा है लेकिन प्रमुख शहर में उसका रेडियो स्टेशन पहले कभी नहीं रहा। वह ‘वॉइस ऑफ शरिया’ नाम का स्टेशन चलाता था जिसमें संगीत पर पाबंदी थी।