जलवायु परिवर्तन से आतंकी भी परेशान, भारत में छिपने के लायक नहीं रहे कई स्थान

Edited By Mahima,Updated: 18 Apr, 2024 09:36 AM

terrorists are also troubled by climate change

लगातार हो रहे जलवायु परिवर्तन को लेकर वैज्ञानिक पूरे विश्व को चेतावनी देते हैं। इसे लेकर कई शोध भी सामने आ चुके हैं। हाल ही में एडिलेड और रटगर्स विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि जलवायु परिवर्तन भारत में आतंकवादी...

नेशनल डेस्क: लगातार हो रहे जलवायु परिवर्तन को लेकर वैज्ञानिक पूरे विश्व को चेतावनी देते हैं। इसे लेकर कई शोध भी सामने आ चुके हैं। हाल ही में एडिलेड और रटगर्स विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि जलवायु परिवर्तन भारत में आतंकवादी गतिविधियों के स्थान को प्रभावित कर रहा है। शोध में कहा गया है कि उग्रवादियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले कुछ दूरदराज के क्षेत्रों में जलवायु में इतनी तेजी से बदलाव आया है कि वो अब उनके छिपने लायक नहीं रह गए हैं। इसकी वजह से उन्हें दूसरे क्षेत्रों की ओर रुख करने को मजबूर होना पड़ा है। शोध के नतीजे जर्नल ऑफ एप्लाइड सिक्योरिटी रिसर्च में प्रकाशित हुए हैं।

तापमान, वर्षा और ऊंचाई परेशानी के कारक
डाउन टू अर्थ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि शोधकर्ताओं ने 1998 से 2017 के बीच भारत में आतंकवादी घटनाओं को लेकर एक अध्ययन किया है, जो एडिलेड विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज से जुड़े विशेषज्ञ डॉक्टर जेरेड डिमेलो के नेतृत्व में किया गया है। इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने भू-स्थानिक विश्लेषण के माध्यम से जलवायु कारकों और आतंकवाद के बीच स्थानिक संबंधों की जांच की है। इस अध्ययन के जो नतीजे सामने आए हैं उनके मुताबिक कुछ जलवायु संबंधी कारक जैसे तापमान, वर्षा और ऊंचाई भारत में आतंकवादी गतिविधियों को प्रभावित करते हैं। इस बारे में डॉक्टर डिमेलो ने मीडिया को एक बयान जारी करते हुए कहा है कि तापमान, बारिश और ऊंचाई आतंकवादी गतिविधियों के बदलते पैटर्न से जुड़े हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ा है मामला
शोध के मुताबिक नए क्षेत्रों में आतंकवादियों का जाना केवल जलवायु संबंधी बदलावों की तीव्रता से ही नहीं जुड़ा था, बल्कि आतंकवादी गतिविधि का यह बदलाव मौसमी भी था। ऐसे में डॉक्टर डिमेलो का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के बढ़ते दुष्प्रभावों का संबोधित करना न केवल पर्यावरण से जुड़ा मुद्दा है, बल्कि यह सीधे तौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ा है। गौरतलब है कि यह अध्ययन 1998 से 2017 के बीच भारत में हुई आतंकवादी गतिविधियों पर केंद्रित था। इस दौरान वैश्विक आतंकवाद डेटाबेस ने भारत में आतंकी हमलों की 9,096 घटनाएं दर्ज कीं थी। डॉक्टर डिमेलो के मुताबिक इन 20 वर्षों की अवधि के दौरान भारत का औसत तापमान भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है।

देश के उत्तरी और पूर्वी इलाकों में बदला है पैटर्न
भारत के कुछ क्षेत्र ऐसे थे जो अध्ययन के दौरान बार-बार आतंकवादी हिंसा से प्रभावित हुए थे। ये क्षेत्र मुख्य रूप से देश के उत्तरी और पूर्वी इलाकों में हैं। वो राज्य जो इस दौरान आतंकवाद के हॉटस्पॉट रहे उनमें जम्मू और कश्मीर, झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा, छत्तीसगढ़, ओडिशा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, और केरल शामिल हैं। हालांकि यह अध्ययन आतंकवादी गतिविधियों के स्थान पर केंद्रित था, लेकिन शोधकर्ताओं के मुताबिक आंकड़े इस बात की ओर भी इशारा करते हैं कि इन आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े अन्य मुद्दे जैसे उनके प्रशिक्षण स्थान भी जलवायु में आते बदलावों के साथ बदल रहे हैं।

 

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