Edited By Isha,Updated: 20 Jun, 2018 02:19 PM
भारत ने छोटे हथियारों पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र के एक सम्मेलन में कहा कि उसकी सीमा प्रबंधन नीति का प्रमुख उद्देश्य अपनी सीमाओं को अवैध व्यापार से सुरक्षित करना है। भारत ने इसके
संयुक्त राष्ट्रः भारत ने छोटे हथियारों पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र के एक सम्मेलन में कहा कि उसकी सीमा प्रबंधन नीति का प्रमुख उद्देश्य अपनी सीमाओं को अवैध व्यापार से सुरक्षित करना है। भारत ने इसके साथ ही इस पर बात पर भी जोर दिया कि उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा आतंकवाद , अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध और मादक पदार्थ तस्करी से प्रतिकूल रूप से प्रभावित रही है। निरस्त्रीकरण पर सम्मेलन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अमनदीप सिंह गिल ने कल यहां कहा कि कई पड़ोसियों के साथ लंबी सीमा होने के मद्देनजर सीमा प्रबंधन भारत के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती है।
भारत के सीमा प्रबंधन का प्रमुख उद्देश्य हमारी सीमाओं को अवैध व्यापार से सुरक्षित करना है , इसमें सीमा प्रबंधन इकाई का गठन और इस दायरे में द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग रूख स्थापित करना शामिल है।गिल तीसरे संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में बोल रहे थे। यह सम्मेलन छोटे हथियारों और हल्के हथियारों (एसएएलडब्लू) के अवैध व्यापार को रोकने , निबटने और अवैध व्यापार को उसके सभी पहलुओं में समाप्त करने के लिए कार्ययोजना (पीओए) के क्रियान्वयन की समीक्षा करने के लिए था। उन्होंने कहा कि भारत एसएएलडब्लू के अवैध व्यापार को रोकने ,उसके खिलाफ मुकाबला करने के बहुपक्षीय प्रयासों के आधार के तौर पर कार्ययोजना को उच्च महत्व देता है।
उन्होंने कहा कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा आतंकवाद , अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध , मादक पदार्थों की तस्करी और समुद्री डकैती से प्रतिकूल रूप से प्रभावित है और इन सभी में एसएएलडब्लू हानिकारक भूमिका निभाता है। इसलिए कार्ययोजना का पूर्ण और प्रभावी क्रियान्वयन भारत के लिए एक प्राथमिकता है , विशेष तौर पर आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय अपराध से मुकाबले में। संयुक्त राष्ट्र की शेफ डी कैबिनेट मारिया एल रिबेरियो ने संयुक्त महासचिव एंतोनियो गुतारेस की ओर से कहा कि छोटे हथियारों को विनियमित करना एक अनोखी चुनौती है। ’’