Edited By Yaspal,Updated: 22 Feb, 2020 09:52 PM
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने उद्योग जगत को वाणिज्य एवं उद्योग संगठनों में हल्के में लेने की हिदायत देते हुए कहा कि अक्सर देखा गया है कि कोई समस्या खड़ी होने पर ही कारोबारी इन संगठनों का रुख करते हैं। उन्होंने दिल्ली में एआईएमए के एक...
बिजनेस डेस्कः वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने उद्योग जगत को वाणिज्य एवं उद्योग संगठनों में हल्के में लेने की हिदायत देते हुए कहा कि अक्सर देखा गया है कि कोई समस्या खड़ी होने पर ही कारोबारी इन संगठनों का रुख करते हैं। उन्होंने दिल्ली में एआईएमए के एक कार्यक्रम में कहा कि मैंने सीआईआई, फिक्की और एसोचैम के कार्यक्रमों में कई बार देखा कि इनमें महज मौजूदा अध्यक्ष, कुछ पूर्व पदाधिकारी, भावी अध्यक्षगण और कुछ पदाधिकारी ही मौजूद होते हैं।
मुझे नहीं मालूम की सभागार को भरा- पूरा दिखाने के लिए आप किस प्रकार व्यवस्था करते हैं। लोगों का इसमें संलिप्तता का स्तर क्या है? जब देश को जरूरत थी, व्यापार व उद्योग और कारोबारी समुदाय तब कहां था?
गोयल ने एआईएमए के अध्यक्ष संजय किर्लोस्कर और पूर्व अध्यक्ष हर्ष पति सिंघानिया से कहा कि वे यह संदेश अपने सभी साथी उद्योगपतियों को दें कि उद्योग संगठनों को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उद्योग व कारोबार संगठन ऐसे नहीं होते हैं कि आप उनके पास सिर्फ तभी जाएं जब आपको उनकी जरूरत हो। ये ऐसे संगठन हैं जिनके पास राष्ट्रीय दायित्व है, राष्ट्रीय भूमिका है।
गोयल ने खिलौनों पर आयात शुल्क बढ़ाने के हालिया निर्णय का जिक्र करते हुए कहा कि इसके बाद खिलौना उद्योग बेहद सक्रिय हो गया है। गोयल ने पूछा, उन्होंने पहले ही खिलौनों की गुणवत्ता में सुधार क्यों नहीं किया, उन्होंने हमारे बच्चों को बेहतर गुणवत्ता के खिलौने उपलब्ध क्यों नहीं कराए, हमने घरेलू उद्योग को क्यों मार दिया और दूसरे देशों से आ रहे कम गुणवत्ता वाले खिलौनों पर क्यों आश्रित हो गए? उन्होंने कहा कि जब कभी उद्योग एवं व्यवसाय में कोई समस्या होती है तो वे इन उद्योग मंडलों की तरफ दौड़ पड़ते हैं।
बता दें कि सरकार ने खिलौनों पर आयात शुल्क को मौजूदा 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 60 प्रतिशत करने का प्रस्ताव बजट में दिया है। इसके बाद खिलौना उद्योग इसे वापस लेने की मांग कर रहा है।