Edited By ,Updated: 27 Sep, 2016 10:12 AM
पाकिस्तान की नैशनल असेंबली ने हिंदू विवाह अधिनियम विधेयक को सर्वसम्मति पारित कर दिया है। इस विधेयक के पारित होने के बाद अब पाकिस्तान में हिंदुओं की शादियों को पंजीकृत किया जा सकेगा।
नई दिल्ली: पाकिस्तान की नैशनल असेंबली ने हिंदू विवाह अधिनियम विधेयक को सर्वसम्मति पारित कर दिया है। इस विधेयक के पारित होने के बाद अब पाकिस्तान में हिंदुओं की शादियों को पंजीकृत किया जा सकेगा। बता दें कि इससे पहले अब तक हिन्दुओं की शादी पंजीकृत नहीं की जाती थी, जिसके चलते पाकिस्तान में रह रहे हिंदू खुद को असुरक्षित महसूस करते थे। सोमवार को इस विधेयक को सदन में रखा गया, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया।
विधेयक के मसौदे में कहा गया कि शादी के समय हिंदू जोड़े की उम्र 18 साल या उससे अधिक होनी चाहिए। इस विधेयक में यह भी कहा गया कि अगर पति पत्नी एक साल या उससे अधिक समय से अलग रह रहे हैं और वो एक-दूसरे के साथ नहीं रहना चाहते, साथ ही शादी को रद्द करना चाहें तो वो ऐसा कर सकते हैं। इतना ही नहीं इस विधेयक के अनुसार हिंदू विधवा को भी अपने पति की मृत्यु के छह महीने के बाद फिर से शादी करने का अधिकार होगा।
वहीं इस विधेयक में यह भी उल्लेख किया गया है कि अगर कोई हिंदू व्यक्ति अपनी पहली पत्नी के होते हुए दूसरी शादी करता है तो यह एक दंडनीय अपराध माना जाएगा। विधेयक में हिंदू विवाह पंजीकरण के नियमों का उल्लंघन करने पर छह महीने कैद की सज़ा का प्रवाधान है।