Edited By ,Updated: 23 Nov, 2015 10:57 AM
हार विधानसभा चुनाव में एक-दूसरे को पटखनी देने के लिए पिछले दो-ढ़ाई माह से विभिन्न दलों और उनके नेताओं के बीच जारी ‘ट्विटर वार’ राज्य में एक बार फिर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में नई सरकार के गठन के साथ ही लगभग खत्म हो गया है।
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में एक-दूसरे को पटखनी देने के लिए पिछले दो-ढ़ाई माह से विभिन्न दलों और उनके नेताओं के बीच जारी ‘ट्विटर वार’ राज्य में एक बार फिर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में नई सरकार के गठन के साथ ही लगभग खत्म हो गया है। बिहार विधानसभा चुनाव के लिये राजनीति के अखाड़े में विभिन्न दल और उनके नेता एक-दूसरे को पटखनी देने के लिए हर दांव आजमा रहे थे और इस बार इन राजनीतिक दिग्गजों का बड़ा अखाड़ा सोशल मीडिया बना। माइक्रो ब्लागिंग साइट ट्विटर पर अपने-अपने ट्वीट के जरिए नेता एक-दूसरे को मात देने में लगे रहे।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ,भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, नेता प्रतिपक्ष नंद किशोर यादव, केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, राधा मोहन सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैय्यद शाहनवाज हुसैन के अलावा नीतीश मंत्रिमंडल के कई मंत्री ट्विटर पर सक्रिय दिखाई दिये।
पूरे चुनाव के दौरान सभी नेता अपनी-अपनी पार्टी और सरकार की नीतियों और उपलब्धियों को लोगों के सामने रखने के साथ ही एक-दूसरे पर तीखा प्रहार करते रहे। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ट्विटर के साथ-साथ फेसबुक के माध्यम से अपने विपक्षियों को जमकर हमला बोला। फिर से चाहे आरक्षण को मुद्दा हो , या फिर बीफ का।
प्रधानंमत्री के बिहार दौरे के दौरान राजद सुप्रीमों खास सक्रिय दिखायी दिये। यादव अपने ट्वीट में भाजपा समेत अपने तमाम राजनीतिक विरोधियों पर जमकर भड़ास निकालने के साथ ही अपने मन की पीड़ा को भी अपने शब्दों के जरिये लोगों को बयां किया। यादव के ट्वीट पर उनके फॉलोवर ने भी बड़ी संख्या में री-ट्वीट कर उन्हें अपना समर्थन दिया।